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Sonbhadra News: फ्लोराइड की अधिकता से हड्डियों में दर्द, दांतों में बढ़ रहा पीलापन

Sonbhadra News: डा. विभा आंगेस्टीन ने कहा कि फ्लोराइड की अधिकता से दांतो में पीलापन, हड्डियों में दर्द और पाचन की समस्या आती है। कुछ सालों में ही पीड़ित खाट पकड़ लेता है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 Dec 2022 9:07 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Newstrack)

Sonbhadra News: जिले के 265 से अधिक गांवों में फ्लोराइड का बढ़ता प्रकोप और 25 से अधिक गांवों में तीन पीढ़ियों से विकलांगता का दंश झेल रहे ग्रामीणों की स्थिति को देखते हुए शिक्षा निकेतन गोविंदपुर और कुसुम्हा के शिक्षकों, छात्रों और बनवासी आरोग्य केंद्र से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों ने गोविंदपुर और कुसुम्हा गांव में रैली निकाल फ्लोराइड से बचाव की जानकारी दी। जागरूकता से जुड़े स्लोगन लिखी तख्तियों के साथ छात्रों ने नारे भी लगाए। ग्रामीणों को इससे बचाव को लेकर जागरूक करते हुए, उन्हें पौष्टिक यानी संतुलित आहार और शुद्ध पानी के सेवन की सलाह दी गई।

चिकित्सकों ने दी जानकारी, फ्लोराइड से ऐसे करें बचावः

डा. विभा आंगेस्टीन ने कहा कि फ्लोराइड की अधिकता से दांतो में पीलापन, हड्डियों में दर्द और पाचन की समस्या आती है। कुछ सालों में ही पीड़ित खाट पकड़ लेता है। कहा कि इससे बचने के लिए पीने वाले पानी की जांच कराते रहना चाहिए।

साथ ही तिल, तीसी यानी अलसी, आंवला, और मौसमी साग-सब्जी का प्रयोग करते रहना चाहिए। डा. विभा ने इसके लिए घर-घर में पोषण वाटिका लगाने की भी सलाह दी। कहा कि जैसे ही फ्लोराइड के लक्षण दिखें।

सबसे पहले पानी बदल दें। खान-पान पर ध्यान दें। ऐसा करने बीमारी वहीं रुक सकती है। कहा कि फ्लोराइड की अधिकता वाले हैंडपंप का पानी बिल्कुल सेवन न करें। इसका विशेष ध्यान रखें। डा. राजकुमार राजावत, राहुल यादव, मोती लाल, प्रमोद शर्मा, नेहा सिंह, बिंदु, गंगा राम आदि ने भी ग्रामीणों को फ्लोराइड से जुड़े मानक, इसके दुष्प्रभाव, शरीर पर पड़ने वाले लक्षण, बचाव आदि की जानकारी दी।

तीन पीढ़ी से कई गांव झेल रहे हैं फ्लोराइड जनित विकलांगता का दंशः

बताते चलें कि म्योरपुर, दुद्धी, कोन और बभनी ब्लाक के 25 से अधिक गांव ऐसे हैं जो तीन पीढ़ी से विकलांगता का दंश झेल रहे हैं। यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए कई परियोजनाएं अमल में लाई गईं लेकिन अब तक प्रभावित गांवों, बस्तियों और इलाकों में, शुद्ध पेयजल संकट का प्रभावी निदान नहीं निकल सका है।

हाल के महीनों में प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की जांच में भी बड़े पैमाने पर फ्लोराइड की अधिकता का असर पड़ने की बात सामने आई है। बता दें कि जहां फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा होती है, वहां सीधे हड्डियों पर असर पड़ता है।

इसकी अधिक मात्रा शरीर में जाने वाले, युवा उम्र का व्यक्ति भी बूढ़ा दिखाई देना लगता है। वहीं अगर फ्लोराइड का असर कम है तो उसका असर, ऐसे पानी का सेवन करने वाले व्यक्ति के दांतों पर पीली परत के रूप में दिखाई देता है।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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