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गजब ! उड़ान एकेडमी में ब‍िना ट्रेन‍िंग के हवाई जहाज उड़ा रहे पायलट

Rishi
Published on: 14 Jan 2018 10:24 PM IST
गजब ! उड़ान एकेडमी में ब‍िना ट्रेन‍िंग के हवाई जहाज उड़ा रहे पायलट
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अमेठी : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दो दिवसीय अमेठी दौरे से ठीक पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर निकला है। एक अहम दस्तावेज से पता चला है के यहां ब‍िना ट्रेन‍िंग पूर्ण क‍िए पायलट उड़ान भर रहे हैं।

गौरतलब हो कि 25 नवंबर 2014 में कंट्रोलर एंड ऑड‍िटर जनरल की जांच में कई चौंका देने वाले खुलासे भी हुए थे लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते जांच रिपोर्ट धूल फांकने लगी थी। पर शुक्रवार को इस मामले में फुरसतगंज थाने में मामला दर्ज हुआ है।

विजलेंस ने पूरे मामले की जांच के लिये सीबीआई जांच के लिये की थी संस्तुति की

कागजात के अनुसार 2007 में कनाडा की कंपनी सीएई को उड़ान एकेडमी को वर्ल्ड क्लास एकेडमी बनाने के लिए प्रति वर्ष 5 लाख डॉलर (करीब 3 करोड़, 17 लाख, 95 हजार) पर कॉन्ट्रैक्ट किया गया था। लेकिन सीएजी ने अपनी जांच में पूछा कि कोई भी काम न करने वाली कंपनी को बार-बार कॉन्ट्रेक्ट क्यों दिया जा रहा है?

वहीं विजलेंस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि उड़ान एकेडमी में डायरेक्टर पद पर तैनात विनोद कुमार वर्मा की नियुक्ति ही फर्जी है। उनके द्वारा कई कर्मचारियों की भी नियुक्ति गलत ढंग से की गई है। क्योंकि मंत्रालय ने साफ-साफ पत्र संख्या (27 अगस्त 2003) में कहा है कि कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उसकी नियुक्ति इस पद पर नहीं हो सकती। 8 जुलाई 2015 को विजलेंस ने पूरे मामले की जांच कराने के लिए सीबीआई की संस्तुति की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मुख्य अभियोजन अधिकारी और सीओ तिलोई ने जांच में इन आरोपों को पाया सही

जांच में सामने आया कि देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के बावजूद डायरेक्टर विनोद कुमार वर्मा को महानिदेशक नगर विमानन विभाग द्वारा 11 फरवरी 2016 को निर्देशित किया गया। उन्होंने अपना ट्रेनिंग संबंधी मैन्युअल अपडेट कराया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। विनोद वर्मा ने अपने भतीजे को बिना डीजीसीए का पेपर पास कराए उड़ान के लिए प्रशिक्षण सर्टिफिकेट दे दिया। इस प्रकार ट्रेनिंग प्रोसेसर मैन्युअल के बिना ही उसकी ट्रेनिंग चल रही है।

इस मामले में वहां के एक स्टूडेंट ने आवाज उठाई तो उसे मानस‍िक रूप से बीमार बताकर संस्था से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबक‍ि मेडिकल जांच में छात्र पूरी तरह से नॉर्मल पाया गया और उसने डीजीसीए के आवश्यक पेपर भी पास कर लिए थे।

आरोप है क‍ि छात्र से प्रशिक्षण संबंधी उपकरण मांगने पर रिश्वत मांगी गई। रिश्वत नहीं देने पर छात्र को प्रताड़ित किया गया। इस पूरे मामले में एफआईआर कराई गई, जिसके बाद मुख्य अभियोजन अधिकारी और सीओ तिलोई ने जांच में सभी आरोप सही पाया।

इंद‍िरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी के निदेशक विनोद कुमार वर्मा की नियुक्ति नियम के विरुद्ध हुई। नियम के विरुद्ध प्रत‍ि वर्ष लगभग 55 लाख रुपए वेतन ले रहे हैं। अपने करीबियों की नियुक्ति नियम के विरुद्ध की और करोड़ों रुपए भत्तों के नाम पर दे दिए। मुख्य सतर्कता अधिकारी ने अपनी जांच में अपराध सिद्ध करते हुए सीबीआई जाँच नहीं हुई।

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, सीएई का एकेडमी में कोई अस्तित्व नहीं है, फिर भी 5 सालों से 5 लाख डॉलर में बार-बार इस कंपनी को रिन्युवल किया जा रहा है। सीएई ने अग्रीमेंट के हिसाब से कुछ भी नहीं किया। इस संबंध में एक एक्सपर्ट कमेटी ने मंत्रालय को अनुबंध को खत्म करने की संस्तुत‍ि की, लेक‍िन कोई कार्रवाई नहीं हुई। छात्र द्वारा आवाज उठाने पर आपराधिक साजिश कर उसे टर्मिनेट कर द‍िया गया।

सीएजी र‍िपोर्ट के अनुसार, वीके वर्मा के भतीजे ने उड़ान प्रशिक्षण से पूर्व न तो कोई पेपर पास किया और न ही कभी उपस्थित पूर्ण रही, फिर भी उसका उड़ान प्रशिक्षण पूर्ण करा दिया गया। नियमों को ताक पर रखकर फर्जी फ्लाइंग हुई। इसके बावजूद महानिदेशक नागर विमानन ने कोई कार्रवाई नहीं की। महानिदेशक नागर विमानन की जांच रिपोर्ट 12 अगस्त 2016 में खुलासा हुआ। एकेडमी के कोर्ट केसेज केवल सरकारी अधिवक्ता ही कर सकते हैं, लेक‍िन एक-एक केस में प्राइवेट अधिवक्ता को बिना अनुमति के करोड़ों रुपए का भुगतान क‍िया गया। प्रशिक्षण संबंधी उपकरणों को देने के लिए घूस की मांग। साथ ही आपराधिक षड्यंत्र में निदेशक लेखाधिकारी के खिलाफ जांच में सीओ तिलोई और एसपीओ द्वारा सभी आरोप सही पाए गए।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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