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लगा गीता प्रेस की बदहाली के अफवाहों पर ताला, इस साल संस्था ने की 54.6 करोड़ की पुस्तकों की बिक्री

गीता प्रेस की आर्थिक दुश्वारियो में घिरने की अफवाहों के बीच संस्था की किताबें खूब बिकी। संस्था ने इस साल पिछले साल के मुकाबले दो करोड़ 10 लाख रुपए की पुस्तकें ज़्यादा बेचीं हैं। इसमें कल्याण की बिक्री शामिल नहीं है।

tiwarishalini
Published on: 21 April 2017 11:54 AM IST
लगा गीता प्रेस की बदहाली के अफवाहों पर ताला, इस साल संस्था ने की 54.6 करोड़ की पुस्तकों की बिक्री
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गोरखपुर: गीता प्रेस की आर्थिक दुश्वारियो में घिरने की अफवाहों के बीच संस्था की किताबें खूब बिकी। संस्था ने इस साल पिछले साल के मुकाबले दो करोड़ 10 लाख रुपए की पुस्तकें ज़्यादा बेचीं हैं। इसमें कल्याण की बिक्री शामिल नहीं है।

क्या है गीता प्रेस

- गीताप्रेस विश्व की सर्वाधिक हिन्दू धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित करने वाली संस्था है।

-यह गोरखपुर शहर के शेखपुर इलाके की एक इमारत में धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन और मुद्रण का काम कर रही है।

-इसमें लगभग 200 कर्मचारी काम करते हैं। यह एक विशुद्ध आध्यात्मिक संस्था है।

- गीता प्रेस को लेकर सोशल मिडिया पर रह रहकर आर्थिक दुश्वारियो में घिरे होने की खबरे चलती रही है।

- कभी गीताप्रेस के नाम पर चंदे की अपील की गई तो कभी यह बताया गया की संस्था अपने कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं है।

- हालांकि ये महज अफवाहे थी जो शायद संस्थान की किताबोंके लिए प्रचार का काम कर गई।

- इस साल गीता प्रेस ने 54.6 करोड़ रुपए तक की पुस्तकों की बिक्री की।

- पिछले साल यह रकम 52.5 करोड़ रुपये थी।

- दो लाख पाठकों वाली कल्याण पत्रिका के आकड़े इसमें शामिल नहीं है।

गीता प्रेस में विभिन्न भाषाओ में करीब दो हजार पुस्तके प्रकाशित होती है।इनमे से करीब 1700 पुस्तकें ऐसी है जिनका प्रकशन लगभग नियमित है। इन पुस्तको की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण संस्था की विश्वसनीयता और किताबो की कीमत का बाज़ार भाव के सापेक्ष बेहद कम होना भी है। देश विदेश में भी इन किताबों के कद्रदान है।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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