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गोरखपुर लोकसभा उप चुनाव: कांग्रेस के प्रति BSP का सॉफ्ट कॉर्नर, कर सकती है सपोर्ट
सत्ताधारी दल के साथ विपक्षी दलों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा। आगामी सियासी रणनीति भी बहुत हद तक इनके परिणामों पर निर्भर करेगी। इसकी एक तस्वीर इन चुनावों में दिखाई भी दे रही है। उप चुनाव में कांग्रेस के प्रति बसपा का सॉफ्ट कार्नर झलक रहा है। स्थानीय बहुजन समाजवादी पाटी (बसपा) नेताओं के मुताबिक, उनके कार्यकर्ता उप चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट के लिए समर्थन जुटाने में लगे हैं।
लखनऊ: सत्ताधारी दल के साथ विपक्षी दलों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा। आगामी सियासी रणनीति भी बहुत हद तक इनके परिणामों पर निर्भर करेगी। इसकी एक तस्वीर इन चुनावों में दिखाई भी दे रही है। उप चुनाव में कांग्रेस के प्रति बसपा का सॉफ्ट कार्नर झलक रहा है। स्थानीय बहुजन समाजवादी पाटी (बसपा) नेताओं के मुताबिक, उनके कार्यकर्ता उप चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट के लिए समर्थन जुटाने में लगे हैं।
सभी दलों की निगाहें बसपा के दलित वोट बैंक की तरफ
चूंकि उप चुनाव में बसपा ने अपना कैंडिडेट नहीं उतारा है। इसलिए सभी दलों की निगाहें पार्टी के दलित वोट बैंक की तरफ हैं। यह जिस दल की तरफ जाएगा, चुनाव में उसका पलड़ा भारी होगा। सभी दल यह चाहते भी हैं कि अघोषित तौर पर यह वोट बैंक उनकी तरफ आ जाए। इसमें कांग्रेस बाजी मारती दिखाई दे रही है। बसपा के स्थानीय नेताओं के मुताबिक, गोरखपुर में उनके कार्यकर्ता कांग्रेस के लिए जमीन तैयार करने में जुटे हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं हुई है। सियासी समीकरणों के लिहाज से यह वाजिब भी लग रहा है। क्योंकि बसपा अपने चिर प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी सपा को सपोर्ट करने से कतराती रही है।
सपा का दांव पड़ सकता है उल्टा
पूर्वांचल की दो छोटी पार्टियों निषाद पार्टी और पीस पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है। पार्टी ने निषाद पार्टी के संजय निषाद को प्रत्याशी बनाया है। पर सपा का यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। पार्टी के ही निषाद बिरादरी के नेता निषाद पार्टी का कैंडिडेट मैदान में उतारने से खुश नही हैं। नतीजतन स्थानीय स्तर पर अंदरखाने चल रहा अंतर्दवंद का असर परिणामों पर पड़ सकता है। बीजेपी ने यहां से उपेंद्र शुक्ला और कांग्रेस ने डा सुराहित करीम को प्रत्याशी बनाया है।
फूलपुर सीट पर भी सपोर्ट
फूलपुर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अतीक अहमद ने दावेदारी पेश की है। अतीक 2004 से 2009 तक यहां से सपा के सांसद भी रहे हैं। बीजेपी से कौशलेंद्र सिंह पटेल और कांग्रेस से मनीष मिश्रा प्रत्याशी हैं। सपा ने नागेन्द्र पटेल को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बसपा वोट बैंक का लाभ पाने के लिए अतीक अहमद खेमे की तरफ से भी पार्टी नेताओं से संपर्क साधा गया था। लेकिन, उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस सीट पर भी बसपा अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी को सपोर्ट कर रही है।
बता दें कि गोरखपुर लोकसभा सीट योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के कारण इस्तीफा देने और फूलपुर लोकसभा सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र दिए जाने की वजह से खाली हुई हैं। इन सीटों उपचुनाव के लिए मतदान 11 मार्च को होना है। परिणाम 14 मार्च को घोषित होंगे।