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Gorakhpur News: शुरू होने से पहले विवादों में होटल ‘ताज’, इस मामले ने लटका दिया पेंच

Gorakhpur News: ताज होटल बनने की शुरुआत में ही उसकी जमीन की रजिस्ट्री का मामला जिलाधिकारी न्यायालय में पहुंच गया है। अब जमीन की रजिस्ट्री होगी तो यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा।

Purnima Srivastava
Published on: 10 Jun 2025 7:51 AM IST
Gorakhpur News: शुरू होने से पहले विवादों में होटल ‘ताज’, इस मामले ने लटका दिया पेंच
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Gorakhpur News

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में तारामंडल क्षेत्र में फाइव स्टार होटल ताज वजूद में आने से पहले ही विवादों में फंस गया है। मामला 11.19 करोड़ रुपये के स्टॉप चोरी का है। स्टॉप चोरी के अंदेशा में रजिस्ट्री के पूरे कागजात को जब्त कर लिया गया है। मामला जिलाधिकारी कोर्ट में पहुंच गया है।

गोरखपुर में प्रतिष्ठित ताज ग्रुप का फाइव स्टार होटल बनने की प्रक्रिया शुरू होने से लोगों में उत्साह था। पिछले दिनों होटल की जमीन को लेकर गोरखपुर के एक बड़े व्यवसायिक घराने ने रजिस्ट्री कराई थी। ताज होटल बनने की शुरुआत में ही उसकी जमीन की रजिस्ट्री का मामला जिलाधिकारी न्यायालय में पहुंच गया है। अब जमीन की रजिस्ट्री होगी तो यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा। सब रजिस्ट्रार कार्यालय सदर में अप्रैल में रजिस्ट्री के दस्तावेज प्रस्तुत हुए तो 11.19 करोड़ रुपये से अधिक की स्टॉम्प कमी के मामले में विक्रय विलेख जब्त कर लिया गया। अब इस मामले में सुनवाई के बाद निर्णय होगा।

आवासीय दर से लगा स्टॉप

शहर के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ताज होटल की रजिस्ट्री अटकने का प्रोजेक्ट शासन तक पहुंच गया है। इस मामले में जांच शुरू हो गई है, लेकिन कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार रजिस्ट्री में व्यावसायिक संपत्ति होने का उल्लेख है, लेकिन दर आवासीय लगाई गई थी। आवासीय दर 41,000 प्रति वर्ग मीटर है, जबकि व्यावसायिक दर 1.15 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर होगा।

आयकर भी जारी करेगा नोटिस

11.19 करोड़ रुपये स्टॉम्प कमी निकाली गई है। यह रकम जमा होते ही करीब 19 करोड़ रुपये आयकर जमा करने का भी ऑनलाइन नोटिस जारी हो जाएगा, क्योंकि रजिस्ट्री और आयकर विभाग का पोर्टल आपस में संबद्ध है। हालांकि इस मामले में ताज होटल के प्रबंधन की ओर से पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें रजिस्ट्री कार्यालय के निर्णय को चुनौती दी जाएगी। व्यावसायिक दर के मामले में विक्रय विलेख जब्त हुआ है, जबकि एक न्यायालय के आदेश के अनुसार बताया जा रहा है कि खाली भूमि पर व्यावसायिक दर नहीं लगाया जा सकता है। न्यायालय में दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद निर्णय होगा। यह प्रोजेक्ट शहर के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए तेजी से सुनवाई होने और जल्द ही निर्णय आने की संभावना हैं।

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Shalini singh

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