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ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2: निवेश की उम्मीदों को लगे पंख

raghvendra
Published on: 2 Aug 2019 12:42 PM IST
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2: निवेश की उम्मीदों को लगे पंख
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 28 महीने पुरानी योगी सरकार में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी-2 होने के बाद एक बार फिर जनता की उम्मीदों को पंख लगते दिख रहे हैं। अब इन पंखों के सहारे हकीकत की उड़ान कितनी दूर तक जाएगी,यह आने वाला समय बताएगा। इस बड़े आयोजन में 65 हजार करोड़ के निवेश की 290 परियोजनाओं की नींव रखी गयी और देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने नौकरियों की बौछार कर दी। राज्य सरकार का दावा है कि 65000 करोड़ के निवेश से तीन लाख नौजवानों को नौकरी मिलेगी। सरकार का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश ने इस वर्ष निर्यात में अब तक की सबसे अधिक 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल की है जिससे अब उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल रही है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018 के तहत हस्ताक्षरित एमओयू के 40 प्रतिशत प्रस्तावों पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है और जल्द ही ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एक बार फिर 62 से 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों का शुभारंभ होगा। अगले वर्ष ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन किया जाएगा और इस प्रकार वर्ष 2024 तक निवेशकों के सहयोग से प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाए जाने में सफलता मिलेगी।

शाह को यूपी में दिखीं बड़ी उम्मीदें

ब्रेकिंग सेरेमनी-2 में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी यूपी निवेश को लेकर बड़ी उम्मीदें दिखीं। तभी तो उन्होंने कहा कि इसके पहले भी लखनऊ में फरवरी 2018 में जब 4 लाख 68 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लगभग 1000 एमओयू हुए थे तब भी मुझे बहुत खुशी हुई थी। आज उनको धरातल पर उतरता देखकर और भी खुश हूं। अब उत्तर प्रदेश में विकास की एक नई शुरुआत हुई है, इससे देश के सबसे बड़े प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

आयोजन का मतलब नहीं: अखिलेश

इस आयोजन पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बार-बार निवेशक सम्मेलन आयोजित होते हैं, किन्तु उसके नतीजे निल बटे सन्नाटा हैं। भाजपा सरकार के केन्द्र में पांच साल बिना किसी परिणाम के निकल गए। अभी उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार अढ़ाई वर्ष आते-आते हांफने लगी है। यूपी की तस्वीर धुंधली हो गई है। प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट भाजपा के पार्टी सम्मेलन जैसे हो गए हैं।

दिवास्वप्न साबित हुईं घोषणाएं

पहली समिट में सात देशों के लगभग 6000 लोगों ने हिस्सा लिया था। दो दिवसीय समिट में 1,045 एमओयू पर साइन किए गए, जिसमें 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव पास हुआ और 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद जगी थी। राज्य में कम से कम 33 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद भी जताई गई थी, जो एक दिवा स्वप्न साबित हुआ।

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समिट में देश के बिजनेस टाइकून गौतम अडानी ने 35000 करोड़, आनंद महिंद्रा ने 200 करोड़, कुमार मंगलम बिड़ला ने 25000 हजार करोड़, मुकेश अम्बानी ने 10000 करोड़ के निवेश की घोषणा की थी। अब देखना है कि योगी सरकार की इस कवायद से प्रदेश को कितना लाभ होता है और सरकार तथा इन्वेस्टर्स की तरफ से किए गए वादे कितने जमीन पर उतरते हैं और कितने वायदे पूर्व की सरकारों मेंं दिखाए गए सपनों की तरह दिवास्वप्न ही रह जाते हैं।

आयोजन व प्रचार पर फिजूलखर्ची का आरोप

वहीं विपक्ष का आरोप है कि पिछले साल की तर्ज पर सरकार ने इस बार भी करोड़ों रुपये इस आयोजन और इसके प्रचार पर खर्च कर दिए। पिछले साल सिर्फ शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर करीब 65 करोड़ अधिक खर्च किए गए थे जिसमें लखनऊ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 24.25 करोड़, लखनऊ डेवेलपमेंट अथॉरिटी ने 13.08 करोड़ और लोक निर्माण विभाग ने 12.58 करोड़ रुपये खर्च किए थे। सरकारी आंकड़ों में ही बताया गया है कि पहली इन्वेस्टर्स समिट के लिए 22 चार्टर्ड प्लेन, 12 लग्जरी होटेल्स में 300 कमरे बुक किए गए थे। पूरे शहर में होर्डिंग और रोशनी के लिए झालरें लगाई गई थीं। जगह-जगह पौधे भी लगाए गए थे। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी सरकार की निंदा करते हुए इसे फिजूलखर्ची बताया था।

पेप्सिको इंडिया देगी 1500 नौकरियां: अल शेख

पेप्सिको इंडिया के अहमद अल शेख ने कहा कि हमारी कंपनी 514 करोड़ रुपये का निवेश कर 1500 नौकरियां सृजित करेगी। हमारे संयंत्र से प्रदेश के आलू किसानों को लाभ मिलेगा। प्रदेश में पेप्सिको इंडिया 514 करोड़ का निवेश करेगी। पेप्सिको इंडिया के सीईओ अहमद अल शेख ने कहा कि हम 2022 तक स्नैक्स बिजनेस को दोगुना करेंगे। यूपी में स्नैक्स विनिर्माण संयंत्र लगाया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। मैंने किसी और देश में अपने जड़ों से जुड़े रहते हुए आगे बढऩे की ऐसी भूख नहीं देखी। हम 165 हजार करोड़ का निवेश कर रहे हैं। 24 हजार किसान हमारे नेटवर्क से जुड़े हैं। भारत पेप्सिको के लिए तीसरा सबसे बड़ा आलू आपूर्तिकर्ता देश है। हम यूपी में 500 करोड़ रुपये फूड प्रोसेसिंग में खर्च करेंगे। यूपी में हम अपने उत्पादों के लिए 7000 टन आलू यूपी से लेंगे। यूपी में सरकार के साथ हमारा अनुभव काफी बेहतर रहा है। प्रक्रिया को डिजिटिलाइज किया जाना और सिंगल विंडो सिस्टम काफी अच्छा प्रयोग है।

मेदांता अस्पताल से मिलेगा रोजगार: डा. त्रेहन

मेदांता के डॉ. हरीश त्रेहन ने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों की मदद कर रही है। महज ढाई साल में लखनऊ में मेदांता अस्पताल बनवाया गया है। 15 हजार लोगों को मेदांता लखनऊ से रोजगार मिलेगा। लखनऊ के बाद नोएडा, गोरखपुर और वाराणसी में भी मेदांता अस्पताल खोले जाएंगे। नोएडा में 700 बेड के मेदांता अस्पताल के शिलान्यास के बाद लखनऊ के मेदांता अस्पताल का 15 अक्टूबर को लोकार्पण किया जाएगा।

यूपी में अपार संभावनाएं: चंद्रशेखर

टाटा ग्रुप के एम.चंद्रशेखर ने कहा कि लखनऊ में हमारी टाटा मोटर्स और टीसीएस है। नोएडा व वाराणसी में रिटेल कंपनी टाइटन और वेस्टसाइट है। हम यूपी में बहुत संभावनाएं देख रहे हैं। हम यहां अपना विस्तार जारी रखेंगे। टीसीएस जब लखनऊ से जा रही थी तब योगी आदित्यनाथ ने हमें रोका। उन्होंने कहा कि देश को 5 ट्रलियन डॉलर इकॉनामी बनाने में यूपी की अहम भूमिका है। अन्य उपक्रमों के साथ टाटा पॉवर ने भी यूपी में काम शुरू किया है। एविएशन, अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी व पयर्टन में यहां असीम संभावना है। यूपी में हम 30 हजार क्षमता का ट्रेनिंग सेंटर बनाने के अंतिम चरण में हैं।

यूपी के बिना कुछ भी संभव नहीं: अडानी

ब्रेकिंग सेरेमनी में पहुंचे देश भर के नामी गिरामी उद्योगपतियों में से एक अडानी ग्रुप के गौतम अडानी ने कहा कि भारत के विकास और ट्रांसफॉर्मेशन की स्टोरी उत्तर प्रदेश से जुड़ी है। उत्तर प्रदेश के बिना तो कुछ भी नहीं है। 2018 में हमने 5000 करोड़ रुपये पॉवर ट्रांसमिशन के लिए लगाने को कहा था। हमारे दो प्लांट पर काम चल रहा है। इस क्षेत्र में 5000 हजार करोड़ और खर्च करने की योजना है। हम 15 हजार टन का स्टेट ऑफ आर्ट स्टील उत्पादन केंद्र धमोरा में विकसित कर रहे हैं। वाराणसी में मल्टी मॉडल रिवर टर्मिनल विकसित करेंगे। डेटा सेंटर और रक्षा क्षेत्र में भी हम यूपी में निवेश करेंगे।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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