TRENDING TAGS :
बारिश का कहर जारी: दो महिलाओं की मौत दो घायल, बेमानी साबित हो रहा जिला आपदा राहत नियंत्रण कक्ष
अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में बीते चौबीस घंटों में हुई बारिश में जगदीशपुर थाना क्षेत्र में एक और बाजार शुक्ल थाना क्षेत्र में एक यानि कुल दो महिलाओं की मौत हो गई है। वहीं मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र में कच्चा मकान गिरने से दो सगे भाईयों घायल हुए हैं। खासबात ये कि जिला प्रशासन की ओर से पीड़ितो को राहत दिलाने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित जिला आपदा राहत नियंत्रण कक्ष बेमानी साबित हो रहा है। यहां घटना की सूचना देने के लिए फोन करने पर फोन ही नही उठता।
मां की ममता से महरूम हो गए तीन बच्चे
जानकारी के अनुसार जगदीशपुर थाना क्षेत्र के पूरब गाँव रानीगंज निवासी रामचंद्र की 55 वर्षीय पत्नी लखना देवी की दीवार ढ़हने से दबकर मौत हो गई है। वहीं बाजार शुकुल थाना क्षेत्र के बाजगढ़ पूरे फाजिल गांव में तेज बारिश के दौरान औसान लाल पासी का कच्चा मकान गिर गया। हादसे में घर में सो रही उसकी पत्नी राजपति की मृत्यु हो गई। अब आलम ये है के औसान चारपाई से उठ नहीं सकता। इस दिव्यांग व्यक्ति को एक अदद आवास की आस वर्षों से थी लेकिन जिम्मेदारों ने आवास चयन के समय ध्यान नही दिया। ऐसे में तीन बच्चे मां की ममता से महरूम हो गए। उधर तहसील क्षेत्र मुसाफिरखाना अन्तर्गत एक्काताजपुर पूरे पाण्डेय गांव में कच्चा घर गिरने से दो सगे भाई घायल हो गए। इसी गांव की निवासी राजकुमारी पत्नी राजकुमार, राजकरन पुत्र मोती लाल को एक अदद आवास की आस वर्षों है, लेकिन जिम्मेदारों ने आवास चयन के समय ध्यान नही दिया। नतीजे में रविवार की इनके रात जर्जर मकान बरसात में गिर गए। राजकरन का कहना है कि आवास पाने के लिए कई बार ग्राम प्रधान के घर का और ब्लाक का चक्कर लगाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
नहीं लगता दैवीय हेल्पलाइन का फोन
उधर जिलाधिकारी अमेठी शकुन्तला गौतम ने लगातार बरसात से हो रहे आपादा को दृष्टिगत रखते हुये दैवीय आपदा से पीड़ित लोगों को राहत दिलाने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित जिला आपदा राहत नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। जिसमें दैवीय आपदा के समय पीड़ित किसी भी समय टोल फ्री नम्बर - 05368244577 पर सम्पर्क तथा फैक्स नम्बर - 05368244108 पर अपनी किसी भी समास्या को दर्ज करा सके। लेकिन दैवीय आपदा राहत कक्ष के हेल्पनाइन नम्बर पर पीडितों द्वारा सैकड़ों बार फोन करने के बाद भी फोन नहीं लगता है। ये स्थिति और भी भयावह है।