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स्लाॅटर हाउसेस के नवीनीकरण और लाइसेंस पर क्या है सरकार का रुख, कोर्ट ने कहा- जल्द लें निर्णय
इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार (03 अप्रैल) को राज्य सरकार से स्लाॅटर हाउसेस के लाइंसेस जारी करने और उनके नवीनीकरण करने एवं छोटी-छोटी मीट की दुकानों के लांइसेस जारी करने के मामले में हाल में चल रही उहापोह पर हाई पावर कमेटी को तत्काल अपना निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार (03 अप्रैल) को राज्य सरकार से स्लाॅटर हाउसेस के लाइंसेस जारी करने और उनके नवीनीकरण करने एवं छोटी-छोटी मीट की दुकानों के लांइसेस जारी करने के मामले में हाल में चल रही उहापोह पर हाई पावर कमेटी को तत्काल अपना निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह निर्देश तब जारी किया जब उसके संज्ञान में लाया गया कि सरकार स्वयं ही पूरे मसले पर चीफ सेक्रेटी के निर्देशन में एक हाई पावर कमेटी बना रही है जो कि इस मसले पर सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निर्णय लेगी। बेंच ने सरकार से कहा कि कमेटी के निर्णय से 13 अप्रैल को कोर्ट को अवगत कराया जाए।
यह आदेश जस्टिस ए पी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने सईद अहमद और कुछ अन्य की ओर से अलग-अलग दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्तागण को मीट शॉप के लाइंसेस आवंटित किए गए थे। जिनका समय गत 31 मार्च 2017 को समाप्त हो गया। जिसके बाद उन्होनें नवीनीकरण के लिए आवेदन किया जो कि अभी विचाराधीन है।
इस बीच पुलिस और प्रशासन उन्हें शॉप नहीं खोलने दे रहा है। तर्क दिया गया कि धंधा या व्यवसाय करना संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। उसी प्रकार मांसाहार भी प्रत्येक नागरिक का व्यक्तिगत अधिकार है जिस पर सरकार प्रतिबंध नही लगा सकती है।
कहा गया कि जिस प्रकार से नवीनीकरण पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और नए लाइसेंस नहीं जारी किए जा रहे हैं उससे प्रतीत होता है कि सरकार यह तय करना चाहती है कि व्यक्ति क्या खाए। तर्क दिया गया कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
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राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार का मांसाहार बंद करने या मीट शॉप पर अनुचित रूप से प्रतिबंध लगाने की कोई मंशा नही है। कहा गया कि सरकार केवल इतना कर रही है कि वह कानून का पालन करवाते हुए अवैध रूप से चल रहे स्लॉटर हाउस के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। कहा गया कि सरकार ने अधिकारियेां को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि लाइसेंस वाले स्लॉटर हाउस के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाए।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि इस पूरे मसले पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जा रहा है। जो कि इस पूरे मामले पर विचार के बाद अपनी रिपेार्ट देगी।
कोर्ट ने स्लॉटर हाउस के लाइसेंस और इसके नवीनीकरण के साथ साथ मीट शॉप्स के लाइसेंस और नवीनीकरण से जुड़े तमाम कानून पर गौर किया। कोर्ट ने सरकार की ओर से पहले ही हाई पावर कमेटी बनाने के चलते कोर्ट ने कहा कि कमेटी दस दिन के भीतर अपनी बैठक करें और अपना निर्णय ले। कोर्ट ने सरकार को उक्त निर्णय से उसे अगली सुनवाई पर अवगत कराने को कहा है।
इस बीच कोर्ट ने याची सईद अहमद के बावत बहराइच नगर पालिका परिषद को उसके मीट शॉप पर सात दिन के भीतर नवीनीकरण के बावत निर्णय लेने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि देहाती इलाकों में डीएम दो मील पर स्लॉटर हाउस खोलने के बावत निर्णय लें।
कोर्ट ने लखनऊ में तमाम मीट शॉप्स के लाइसेंस का नवीनीकरण न करने पर सरकार और नगर निगम से जवाब तलब किया था। सरकार ने जवाब देने के लिए एक दिन का और समय मांगा था।