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पट्टे की जमीन से माफियाओं द्वारा खनन के मामले में हस्तक्षेप से कोर्ट का इंकार

Rishi
Published on: 12 July 2017 7:26 PM IST
पट्टे की जमीन से माफियाओं द्वारा खनन के मामले में हस्तक्षेप से कोर्ट का इंकार
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर में बालू खनन ठेके का वर्कआर्डर मिलने तक खनन माफियाओं द्वारा बालू खोदकर उठा ले जाने के कारण जमा दो करोड़ राशि वापसी मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है और कहा है कि याची इस मुद्दे को लेकर सिविल वाद दायर कर सकता है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति एम.के.गुप्ता की खण्डपीठ ने जयकरन सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर उदय करन सक्सेना ने बहस की। याची का कहना था कि 2014 में खनन पट्टे की नीलामी हुई। उच्चतम बोली के कारण याची को खनन पट्टा दिया गया। याची ने पूरी राशि जमा कर दी किन्तु 15 मई 2015 को वर्कआर्डर दिया गया। इससे पहले ही याची को आंवटित क्षेत्र से खनन माफियाओं ने सारी बालू खोद ली। कहीं बालू बची ही नहीं थी।

याचिका का प्रतिवाद अपर महाधिवक्ता एम.सी.चतुर्वेदी ने किया। इनका कहना था कि आन स्पाट निरीक्षण के बाद खनन पट्टा दिया गया था। याची ने स्वयं स्थल देखकर बोली लगायी थी, वर्कआर्डर मिलने पर याची को खनन करना चाहिए। कोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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