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योगी जी! LU में हुआ प्रदर्शन बुरे वक्त की आहट ...अभी भी समय है, सुन सको, तो सुन लो
लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव के बाद प्रचंड बहुत के साथ सत्ता हथियाने में सफल रही, बीजेपी को यूपी के सीएम पद के लिए कोई चेहरा नहीं मिल रहा था। तब काफी चिंतन-मंथन करने के बाद योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने ताज पहना दिया। उस दिन से लेकर आजतक योगी विरोध झेल रहे हैं। पहले तो विरोध के सुर सूबे के अलग-अलग हिस्सों से सुने जाते रहे। लेकिन बुधवार को राजधानी लखनऊ में योगी को विरोध का सामना करना पड़ा।
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बुधवार को सीएम योगी लखनऊ यूनिवर्सिटी में आयोजित हिंनदवी साम्राज्योत्सव कार्यक्रम में शामिल होने आए, तो उन्हें वहां छात्रों ने काले झंडे दिखाए, विरोध इतना उग्र हो गया कि योगी के फ्लीट को कुछ समय के लिए रुकना पड़ा।
वैसे देखा जाए तो किसी भी सीएम के लिए विरोध आम बात हो सकती है। लेकिन यहाँ ये आम बात नहीं है। क्योंकि योगी उस पार्टी के सीएम है, जिसने सबका साथ सबका विकास का दावा कर सत्ता पाई थी। आज यूपी सुलग रहा है, दलित अल्पसंख्यक अंदर ही अंदर विद्रोह की तैयारी में लगे हैं। सहारनपुर में तो ये विद्रोह खूनी रंग अपना ही चुका है, और अब लखनऊ में जो हुआ उसके बाद योगी को सोचना पड़ेगा, कि आखिर उनसे कहाँ चूक हो रही है, कि चीजें रेत की तरह उनके हाथ से फिसल रही हैं।
क्यों हुआ लखनऊ में योगी का विरोध
-समाजवादी छात्रसभा, आईसा, एसएफआई के छात्र नेताओं ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ छत्रपति शिवाजी महाराज के एक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय आये थे।
-इस कार्यक्रम के जरिये छात्रो पर जबरन भगवाकरण को थोपने की साजिश की जा रही थी।
-इसी साजिश के चलते छत्रपति शिवाजी के इस समारोह को हिंनदवी साम्राज्योत्सव की संज्ञा दी गयी।ये तानाशाही नहीं बर्दाश्त करेंगे।इसीलिए काले झंडे दिखाकर विरोध किया।
-छात्र नेता पूजा शुक्ला ने बताया कि योगी सरकार की दमनकारी पुलिस और कंमांडो ने छात्रों को अपराधियो की तरह पीटा।लेकिन हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
फिलहाल हम तो इतना ही कहेंगे, कि विचार पैदा करने से बदलाव आता है। थोपने से तो विरोध पैदा होता, और ये सत्ता के लिए बहुत हानिकारक होता है सीएम साहेब।
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