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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में फर्जीवाड़ा, करोड़ों की जमीन बेचने का आरोप

जिले के फुरसतगंज में स्थापित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) में परत दर परत भ्रष्ट्राचार की फाइलें खुलती जा रही हैं। यहां की ज़मीन को लेकर हुए भ्रष्ट्राचार पर तिलोई एसडीएम डॉ.अशोक कुमार शुक्ला ने अकैडमी के निदेशक को नोटिस जारी किया है।

priyankajoshi
Published on: 28 Feb 2018 4:43 PM IST
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में फर्जीवाड़ा, करोड़ों की जमीन बेचने का आरोप
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अमेठी: जिले के फुरसतगंज में स्थापित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) में परत दर परत भ्रष्ट्राचार की फाइलें खुलती जा रही हैं। यहां की ज़मीन को लेकर हुए भ्रष्ट्राचार पर तिलोई एसडीएम डॉ.अशोक कुमार शुक्ला ने अकैडमी के निदेशक को नोटिस जारी किया है।

नोटिस के ज़रिए उन्होंंने निदेशक से पूछा है कि जो जमीन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के नाम अंकित है उसे किस आधार पर राजीव गांधी विमानन विवि के नाम बैनामा किया गया है?

26.36 एकड़ जमीन के फर्जीवाड़े का मामला

जानकारी के अनुसार अमेठी के तिलोई तहसील अंतर्गत ब्रहम्नी व सैंबसी गांवों में 1985 में 167 एकड़ जमीन गजट प्रकाशित कर इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी को दी गई थी। कागज़ात के अनुसार उक्त अहस्तांतरणीय जमीन को उड़ान अकादमी के निदेशक ने 8 जुलाई 2016 को इसमें से 26.36 एकड़ जमीन विमानन विवि के नाम बैनामा कर दी थी।

जांच आख्या मिलने के बाद होगी कार्यवाई

इस बात का खुलासा तब हुआ जब उड़ान अकादमी से निष्कासित हुए ट्रेनी पायलट अनुपम वर्मा ने एसडीएम से मामले की शिकायत किया। जिस पर एसडीएम ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) के निदेशक बी.के. वर्मा से जबाब तलब करते हुए नोटिस जारी किया है। वहीं एसडीएम ने इस मामले में तहसीलदार से भी आख्या मांगी है। इस पूरे मामलें पर एसडीएम तिलोई डा. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि फिलहाल मामला संदेहास्पद है, तहसीलदार की जांच आख्या व निदेशक के जवाब मिलने के बाद स्थित साफ होगी। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

CAG के जांच में हुए थे चौंकाने वाले खुलासे

आपको बता दें कि पिछले 12 जनवरी 2018 को अमेठी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) में फैले भ्रष्टाचार को लेकर एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने ये एफआईआर डॉक्यूमेंट्स के आधार पर दर्ज किया था। डॉक्यूमेंट्स से मालूम हुआ कि यहां देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और बिना ट्रेनिंग पूरी किए पायलट उड़ान भर रहे हैं। यहां कार्यरत उच्चाधिकारी अपनी निजी संपत्ति समझकर इस अकादमी को चला रहे हैं।

आपको बता दें कि 25 नवंबर 2014 में कंट्रोलर एंड ऑड‍िटर जनरल (CAG) के जांच में कई चौंका देने वाले खुलासे भी हुए थे, लेकिन सरकार की लापरवाही से जांच रिपोर्ट लिफाफे में बंद होकर रह गई। जांच में अकादमी पर कई सवाल भी खड़े किए थे।

डॉक्यूमेंट्स से खुलासा हुआ कि 2007 में कनाडा की कंपनी CAE को IGRUA को वर्ल्ड क्लास अकादमी बनाने के लिए प्रति वर्ष 5 लाख US डॉलर (करीब 3 करोड़, 17 लाख, 95 हजार इंड‍ियन करेंसी) पर कॉन्ट्रैक्ट किया गया था। लेकिन CAG ने अपनी जांच में पूछा कि कोई भी काम न करने वाली कंपनी CAE को बार-बार कॉन्ट्रेक्ट क्यों दिया जा रहा है?

इस मामले में 12 जनवरी 2018 को अमेठी के फुरसतगंज में डॉयरेक्टर विनोद कुमार वर्मा समेत अकाउंटेंट सचिन टंडन और अकादमी के कर्मचारी सुरेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।

फर्जी निकली थी डायरेक्टर की नियुक्ति

यही नहीं विजलेंस जांच में खुलासा हुआ था कि IGRUA में डायरेक्टर पद पर तैनात विनोद कुमार वर्मा की नियुक्ति ही फर्जी है। उनके द्वारा कई कर्मचारियों की भी नियुक्ति गलत ढंग से की गई है, क्योंकि मंत्रालय ने साफ-साफ पत्र संख्या (27 अगस्त 2003) में कहा है कि कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उसकी नियुक्ति इस पद पर नहीं हो सकती। 8 जुलाई 2015 को विजलेंस ने पूरे मामले की जांच कराने के लिए सीबीआई की संस्तुति की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जांच में सामने आया कि देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के बावजूद डायरेक्टर विनोद कुमार वर्मा को महानिदेशक नगर विमानन विभाग द्वारा 11 फरवरी 2016 को निर्देशित किया गया। उन्होंने अपना ट्रेनिंग संबंधी मैन्युअल अपडेट कराया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही नहीं, विनोद वर्मा ने अपने भतीजे को बिना DGCA का पेपर पास कराए उसका उड़ान के लिए प्रशिक्षण सर्टिफिकेट दे दिया। इस प्रकार ट्रेनिंग प्रोसेसर मैन्युअल के बिना ही उसकी ट्रेनिंग चल रही है।

बताया जाता है क‍ि जब इस मामले में वहां का एक स्टूडेंट ने आवाज उठाई तो उसे मानस‍िक रूप से बीमार बताकर संस्था से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबक‍ि मेडिकल जांच में छात्र पूरी तरह से नॉर्मल पाया गया और उसने DGCA के आवश्यक पेपर भी पास कर लिए थे। आरोप है क‍ि छात्र से प्रशिक्षण संबंधी उपकरण मांगने पर घुस मांगे गए। घुस नहीं देने पर छात्र को प्रताड़ित किया गया। इस पूरे मामले में एफआईआर कराई गई, जिसके बाद मुख्य अभियोजन अधिकारी और सीओ तिलोई ने जांच में सभी आरोप सही पाया।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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