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Investment in UP: निवेश प्रस्तावों को धरातल उतारने की तैयारी, इन्हें मिलेगी भूमि आवंटन में प्राथमिकता

Investment in UP: बीते माह राजधानी लखनऊ में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में देश के साथ-साथ विदेशों के उद्यमियों का जमावड़ा इसका उदाहरण है।

Krishna Chaudhary
Published on: 29 March 2023 6:11 PM IST
Investment in UP: निवेश प्रस्तावों को धरातल उतारने की तैयारी, इन्हें मिलेगी भूमि आवंटन में प्राथमिकता
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CM Yogi (photo: social media )

Investment in UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बेहतर करने के बाद बड़े पैमाने पर निजी निवेश का मार्ग प्रश्स्त कर रही है। हाल के कुछ वर्षों में यूपी में कई बड़े कॉरपोरेट प्लेयर्स ने एंट्री भी की है और कुछ ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। बीते माह राजधानी लखनऊ में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में देश के साथ-साथ विदेशों के उद्यमियों का जमावड़ा इसका उदाहरण है।

समिट में प्रदेश सरकार को लाखों करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव पास हुए हैं। ऐसे में इन प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की कवायद तेज कर दी गई है। सरकार ने बड़े निवेशकों को खास सहूलियत प्रदान करने का निर्णय लिया है ताकि बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन जल्द हो सके। इसी कड़ी में 500 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले उद्यमियों को भूमि आवंटन में प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया है।

फास्ट ट्रैक आधार पर आवंटित होगी भूमि

फरवरी में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) में राज्य सरकार के साथ निवेश का करार करने वाली सुपर मेगा और अल्ट्र मेगा इकाइयों को फास्ट ट्रैक आधार पर बिना नीलामी के जमीन आवंटित की जाएगी। औद्योगिक विकास विभाग इसके मैनुअल को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। इस प्रस्ताव के मुताबिक औद्योगिक विकास प्राधिकरण या विकास प्राधिकरण निवेशकों को बिना नीलामी प्रक्रिया के जरिए जमीन आवंटित कर सकेंगे।

इन्वेस्टर को जमीन की आरक्षित दर और उसके 15 प्रतिशत प्रीमियम का अतिरिक्त भूगतान करना होगा। दरअसल, ये फैसला जमीन आवंटन प्रक्रिया में लालफीताशाही के कारण होने वाली अनावश्यक देरी से निवेशकों को छूटकारा देने के लिए लिया गया है। बड़े निवेशकों और औद्योगिक समूहों ने राज्य सरकार के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया था और जमीन आवंटन की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की थी।

सुपर मेगा और अल्ट्र मेगा क्या है ?

यूपी सरकार की औद्योगिक विकास नीति के मुताबिक, 500 से 3 हजार करोड़ रूपये निवेश करने वाली इकाइयों को सुपर मेगा और 3 हजार से अधिक निवेश करने वालों को अल्ट्र मेगा श्रेणी में रखा गया है। जीआईएस में आए निवेश प्रस्तावों पर गौर करें तो 186 कंपनियों ने 2 हजार करोड़, 45 कंपनियों ने 1500 से 2000 करोड़, 55 कंपनियों ने 1 हजार से 1500 करोड़ और 250 कंपनियों ने पांच सौ से एक हजार करोड़ रूपये निवेश करने के प्रस्ताव दिए हैं।

Krishna Chaudhary

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