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जल निगम में करोड़ों के घोटाले का खुलासा, सीवर पाइप्स के नाम पर किया खेल
जल निगम में करोड़ो रूपये का घोटाला सामने आया है। जल निगम और जानी मानी कंपनी लार्सन एंड टर्बो के अधिकारियों ने मिलकर पूरे खेल को अंजाम दिया है। शहर में सीवर लाइन बिछाने के नाम पर जल निगम के अधिकारियों ने करोड़ो रूपये की बंदरबाट की।
मुरादाबाद: जल निगम में करोड़ो रूपये का घोटाला सामने आया है। जल निगम और जानी मानी कंपनी लार्सन एंड टर्बो के अधिकारियों ने मिलकर पूरे खेल को अंजाम दिया है। शहर में सीवर लाइन बिछाने के नाम पर जल निगम के अधिकारियों ने करोड़ो रूपये की बंदरबाट की।
मुरादाबाद नगर निगम के मेयर विनोद अग्रवाल ने शासन और मुख्यमंत्री योगी से पूरे घोटाले की शिकायत की जिसके बाद डीएम ने जांच के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बना दी है।
क्या है पूरा मामला?
- मुरादाबाद शहर में सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है।
- सीवर लाइन को जल निगम द्वारा बिछाया जा रहा है।
- 279 करोड़ रुपए के इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ने पैसा दिया है।
- जल निगम द्वारा सीवर लाइन बिछाने का ठेका लार्सन एन्ड टर्बो कंपनी को दिया गया है। लेकिन मुरादाबाद मेयर के अनुसार शहर के कई हिस्सों में सीवर लाइन ट्रचलेस विधी द्वारा डाली जानी थी।
- ट्रांचलेस विधी सामान्य विधी से कई गुना महंगी है जिसमें सड़क को बिना तोड़े ज़मीन को खोदा जाता है।
- किंतु जल निगम के अधिकारियों ने अपनी जेबें भरने के लिए पूरे शहर में सड़कों को ऊपर से खोद दिया। जल निगम के अधिकारियों द्वारा लार्सन एन्ड टर्बो कंपनी के साथ मिलकर किये गए इस खेल की शिकायत शासन और मुख्यमंत्री से की गई जिसके बाद डीएम ने पूरे मामले की जांच के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है।
- उधर मेयर ने साफ कर दिया है की घोटालेबाज अधिकारियों को
- मेयर विनोद अग्रवाल द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायत लिखने के बाद जल निगम के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
- ट्रेंचलेस विधि से काम ना कराने को लेकर जल निगम के अधिकारी सड़को का कम चौड़ा होना बता रहे है।
- साथ ही उनका यह भी कहना है की इससे मकानों को भी खतरा हो सकता है।
- हालांकि लार्सन एन्ड टर्बो से अनुबंध में वो इस विधी से काम करने की बात स्वीकार कर रहे है। लेकिन ट्रेंचलेस तकनीक काफी महंगी होने के कारण कंपनी के हाथ खड़े करने की बात भी जल निगम के अधिकारी कर रहे है।
ऐसे में यहाँ बड़ा सवाल यही है कि जब टेंडर ट्रेंचलेस तकनीक का हुआ और पैसा भी उसका दिया जा रहा है तो सड़को की खुदाई सामान्य तकनीक से क्यों की जा रही है। साथ ही ट्रेंचलेस तकनीक और सामान्य तकनीक के बीच का जो पैसा है वो किस किस की जेबो में जा रहा है।