Jaunpur News: मंगेश यादव एनकाउंटर केस में न्याय की राह बाधित, जांच रिपोर्ट अब तक अधर में

Jaunpur News: डॉ. यादव ने आयोग को दी शिकायत में कहा कि मुठभेड़ में मारे गए मंगेश यादव उर्फ कुम्भे, अनुज प्रताप सिंह तथा घायल अजय यादव के मामलों की निष्पक्ष जांच आवश्यक है, लेकिन आज तक कोई ठोस रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

Nilesh Singh
Published on: 23 April 2025 9:58 PM IST
Jaunpur News: मंगेश यादव एनकाउंटर केस में न्याय की राह बाधित, जांच रिपोर्ट अब तक अधर में
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Jaunpur News: प्रदेश के सुल्तानपुर में सितंबर 2024 में हुए चर्चित मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में आठ महीने बीत जाने के बावजूद मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। इस देरी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कर जांच प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है।

डॉ. यादव ने आयोग को दी शिकायत में कहा कि मुठभेड़ में मारे गए मंगेश यादव उर्फ कुम्भे, अनुज प्रताप सिंह तथा घायल अजय यादव के मामलों की निष्पक्ष जांच आवश्यक है, लेकिन आज तक कोई ठोस रिपोर्ट सामने नहीं आई है। आयोग ने 30 सितंबर 2024 को ही स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मजिस्ट्रियल जांच की प्रगति रिपोर्ट 18 नवंबर तक प्रस्तुत की जाए, ताकि 19 नवंबर को सुनवाई हो सके। बावजूद इसके, अब तक जांच पूरी नहीं हुई।

प्रशासनिक उदासीनता या सोची-समझी चुप्पी?

जिला प्रशासन ने आयोग को जानकारी दी थी कि मंगेश यादव की एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ की जांच के लिए उपजिलाधिकारी लम्भुआ को अधिकृत किया गया है। साथ ही, अनुज यादव और अनुज प्रताप सिंह से जुड़े मामलों में भी अलग से रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन इन पर भी प्रगति शून्य रही।

मानवाधिकार और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस की अवहेलना

डॉ. यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, मुठभेड़ के एक माह के भीतर मजिस्ट्रियल जांच पूरी कर रिपोर्ट एनएचआरसी को सौंपना अनिवार्य है। लेकिन इस केस में आठ महीने बीत चुके हैं और रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने इसे न केवल जांच की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न बताया, बल्कि पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की राह में एक बड़ा रोड़ा भी करार दिया।

जल्द संज्ञान ले आयोग: अधिवक्ता की मांग

डॉ. यादव ने आयोग से आग्रह किया है कि वह मामले का त्वरित संज्ञान लेकर संबंधित जांच अधिकारी को निर्देश दे कि वे रिपोर्ट तत्काल सौंपें, ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसे मामलों की विश्वसनीयता बनी रहे।

Shashi kant gautam

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