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झांसी: इस्तीफा देने वाले CO मनीष सोनकर का पत्र वायरल, पढ़ें क्या लिखा

CO मनीष सोनकर के इस्तीफे के मामले में कई तथ्य उजागर हुए हैं। छुट्टी स्वीकृत होने के बावजूद अपना इस्तीफा तक भेज दिया।

B.K Kushwaha
Reporter B.K KushwahaPublished By Ashiki
Published on: 4 May 2021 3:27 PM GMT
Jhansi CO Manish Chandra Sonkar
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File Photo 

झाँसी: सीओ सदर मनीष सोनकर के इस्तीफे के मामले में कई तथ्य उजागर हुए हैं। चार दिन की छुट्टी स्वीकृत होने के बावजूद सीओ सदर ने एक आईपीएस की छवि धूमिल करने के लिए राज्यपाल को अपना इस्तीफा तक भेज दिया। शासन गंभीर होते ही मंगलवार को एडीजी और डीआईजी के सक्रिय हो गए। दोपहर बाद सीओ सदर ने गलती का एहसास कर अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। हालांकि सीओ सदर पूर्व में काफी चर्चित रहे हैं। इन पर सरकारी फॉलोवर का बेवजह परेशान करने, जान बूझकर कमरे में बंद करके पिटाई जैसे मामले प्रकाश में आ चुके हैं। यही नहीं, इनकी पत्नी भी सरकारी फॉलोवर से दुर्व्यवहार करती है। सरकारी व्यय पर सीओ सदर द्वारा प्राइवेट फॉलोवर रखे जाने के तथ्य सामने आए हैं। इसकी गोपनीय स्तर से जांच शुरु हो गई है।

बीते रोज सीओ सदर मनीष सोनकर ने एसएसपी रोहन पी कनय द्वारा पत्नी की बीमारी के बाद छुट्टी न देने पर राज्यपाल को भेजे इस्तीफे वीडियो वायरल कर दिया। इस मामले को शासन गंभीर हो गया। शासन ने अपने स्तर से जांच करवाई तो इसमें सीओ सदर के कई रहस्य उजागर हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि मनीष चन्द्र सोनकर जो जनपद झाँसी में काफी समय से तैनात हैं। इनके द्वारा क्षेत्राधिकारी लाइन होने का भरपूर फायदा उठाते हुए सरकारी फॉलोवर के अतिरिक्त, बिना किसी सक्षम अधिकारी की परमिशन से सरकारी व्यय पर एक अन्य प्राइवेट फॉलोवर रखा गया था,जिसको संज्ञान में आते ही तत्काल हटा दिया गया। जो इन्हें अच्छा नही लगा। सरकारी फॉलोवर को इनके द्वारा जान-बूझकर चोरी का आरोप लगाकर हटा दिया गया था। पुनः दूसरा फॉलोवर लगया गया, तो इनके द्वारा ये कहकर हटा दिया गया कि यह गंदा है।

भोजला मंडी में लगाई गई थी सीओ सदर की ड्यूटी

मनीष चन्द्र सोनकर की ड्यूटी क्षेत्राधिकारी मऊरानीपुर के कोविड पॉजिटिव होने की वजह से तहसील मऊरानीपुर में वोट काउंटिंग में लगी थी किन्तु इनकी विनती पर कि शहर से दूर है, जिस पर क्षेत्राधिकारी मऊरानीपुर के स्वस्थ्य हो जाने की पुष्टि पर तत्काल किये गये आदेश में बदलाव करके इनकी ड्यूटी भोजला मंडी में वोट काउंटिग हेतु लगा दी गयी।


न ही पांच दिन कार्यालय गए और न ही बैठक में लिया भाग

सूत्रों का कहना है कि सीओ सदर मनीष चंद्र सोनकर द्वारा 28,29,30 अप्रैल एवं 01 मई को न ही तो अपने कार्यालय गए और न ही किसी कार्य सरकार संपादित किया गया। यही नहीं, मतगणना के संबंध में हुई तमाम हुई बैठक में भी भाग नहीं लिया।


ड्यूटी पर से मिले अनुपस्थित

जिलाधिकारी आंद्रा वामसी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने मतगणना के दिन (2मई) को भोजला मंडी में लगे पुलिस बल को चेक किया गया तो सीओ सदर मनीष सोनकर ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए। वहां लगा फोर्स तितर-बितर था।


दूरभाष पर संपर्क किया तो व्हाट्सएप पर भेज दिया इस्तीफा

बताते हैं कि मतगणना में एक अफसर के अनुपस्थित रहने पर प्रशासन व पुलिस के अफसरों ने मामले को गंभीरता से लिया। चुनाव पर्यवेक्षक ने भी सीओ सदर के मामले में जानकारी ली मगर जवाब नहीं मिला। बाद में अफसरों ने दूरभाष संपर्क करने पर बताया गया कि उनकी पत्नी कोविड पॉजिटिव है एवं मेरी बच्ची की देखभाल कौन करेगा। इस पर एसएसपी द्वारा कहा गया कि जब लगे हुए सभी फॉलोवर को हटाएंगे तो कौन देखभाल करेगा। इन्होंने कहा कि वो मैं नही जानता एवं मै इस्तीफा देने को तैयार हूँ और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को डराने के लिए तुरंत जरिये ह्वाट्सएप्प इस्तीफा भेज दिया गया।

एसएसपी ने कर दी थी छुट्टी की संस्तुति

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा रात्रि को वापस आने पर इनके द्वारा माँग की गयी छुट्टी की संस्तुति कर दी गयी (श्रीमान DGP महोदय के मना करने उपरांत, मानवीय दृष्टि से) एवं दिये गये इस्तीफे को उच्चाधिकारी गण के संज्ञान हेतु प्रेषित कर दिया गया। जब पूरा विश्व कोविड महामारी से जूझ रहा है, किसी पुलिस अधिकारी का (जो दोनों डोज़ वैक्सीन लिए हुए है) ड्यूटी से गायब रहना अपने कर्तव्यों की उपेक्षा है एवं यह उत्तर प्रदेश पुलिस का सिर झुकाने/छबि धूमिल करने की बात है।

यह कहना है एसएसपी का

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय का कहना है कि सीओ सदर मनीष सोनकर के आवेदन पत्र के आधार पर 3 मई से 6 मई तक (चार दिवस) आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया गया है। साथ ही उनको निर्देशित किया गया है कि अवकाश की अवधि में अपना सीयूजी मोबाइल ऑन रखेंगे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर संपर्क किया जा सके।

इस तरह की भाषा किसी दूसरे पीपीएस को पसंद आएगी?

एक समाज के रूप में हम और कितना गिरेंगे जब हम एक परिवार ( जो कि समाज की इकाई है ) को जीवन रक्षक सुविधा देने की बजाए उनको स्वयं को बचाने के प्रयासों को भी करने में आड़े आयेंगे । मेरे त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद भी मेरा परिवार दुखी नहीं होगा क्योंकि हम सब साथ में होंगे और जीवन यापन के लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकता हूं । ये भी तय है कि ये काल भी बीत जाएगा पर मानव वेदनाएं और चित्कार सुन सुन कर भी यह व्यवस्था और नीति निर्धारक और काले अंग्रेजों की तरह अमानवीय होकर बहरे होते जा रहे हैं क्योंकि वो व्यक्ति या उनके बीच का नहीं या फिर बड़ा नाम नहीं है । जिस वजह से यह भी तय है कि आने वाली पीढ़ियां हमारी व्यवस्था को कोसेगी जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नाजी जर्मनी की व्यवस्था के साथ किया था ।

सीओ सदर व बेटी निगेटिव, पत्नी पॉजीटिव

सीओ सदर मनीष सोनकर की पत्नी और एक बेटी है। पत्नी कोरोना पॉजिटिव हो गई है जबिक सीओ सदर व उनकी पुत्री निगेटिव पाई गई है। इसकी जानकारी पुलिस अफसरों को दी गई है।

Ashiki

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