Jhansi News: पति व देवर को दस-दस साल का कारावास, महिला पर किया गया था जानलेवा हमला

Jhansi News: पत्नी पर जानलेवा हमला करने के आरोप में पति व देवर को दस-दस साल का कारावास और एक लाख दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

Gaurav kushwaha
Published on: 9 May 2025 9:51 PM IST
Husband and Devar sentenced to 10 years in prison, woman was attacked deliberately
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पति व देवर को दस-दस साल का कारावास, महिला पर किया गया था जानलेवा हमला (Photo- Social Media)

Jhansi News: झांसी। न्यायालय एडीजे प्रथम सुनील कुमार ने पत्नी पर जानलेवा हमला करने के आरोप में पति व देवर को दस-दस साल का कारावास और एक लाख दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, अदालत ने मुकदमें साक्ष्य एकत्रित न करने व लापरवाही बरतने पर तत्कालीन बुविवि चौकी प्रभारी पर टिप्पणी करते हुए उऩ्हें प्रशिक्षण अकादमी भेजने के निर्देश दिए हैं।

शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि नवाबाद थाना क्षेत्र के वीरांगना नगर में रहने वाली सोनिया घई ने 15 नवंबर 2021 ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह घर के बाहर खड़ी थी, तभी पति व देवर आए और मकान बेचने के विवाद पर झगड़ा करना शुरु कर दिया। विरोध करने पर पति व देवर ने चाकू व लोहे की कैंची से हमला कर दिया था जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गई थी।

इस मामले में पुलिस ने राकेश घई और मुकेश घई निवासी डीएल-22 वीरांगना नगर थाना नवाबाद के खिलाफ दफा 307,504,506, 120 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने पति व देवर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, सोनिया को उपचार के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। वहीं, न्यायालय में मुकदमें में गवाही देने के बाद वादिया सोनिया की मृत्यु हो गई थी। इस मुकदमें में आरोपियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका मुकदमें की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता तेजसिंह गौर की रही। वहीं, विवेचक ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। न्यायालय ने दोनों आरोपी राकेश और मुकेश को दोषी मानते हुए दस - दस वर्ष की सजा और एक लाख दस हजार रुपये के अर्थदंड अदा करने को कहा है।

विवेचक को विवेचना करने का विधिक ज्ञान नहीं

अदालत ने विवेचना में घोर लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन बुविवि चौकी प्रभारी अनुराग अवस्थी को प्रशिक्षण अकादमी भेजने को कहा है। प्रथम विवेचक उपनिरीक्षक अनुराग अवस्थी के द्वारा घटनास्थल से लोहे का रॉड, कैंची व चाकू एकत्रित नहीं किया है और न ही दाखिल वीडियो के संबंध में धारा 65 बी (4) भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के अंतर्गत प्रमाणपत्र ही दिया गया है इसलिए एसएसपी को निर्देशित किया जाता है कि वह विवेचक उपनिरीक्षक अनुराग अवस्थी को विवेचना के प्रशिक्षण के लिए अकादमी में भेजे जिससे आगे विवेचना नियमानुसार करें। यदि इनका स्थानांतरण हो चुका हो, तो इसके संबंध में डीजीपी लखनऊ को एक प्रतिलिपि भेजी जाए

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