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चलती कार में घोंटा था आशुतोष का गला, रिश्तेदार ने ही रची थी साजिश

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Published on: 17 Jun 2016 2:29 PM GMT
चलती कार में घोंटा था आशुतोष का गला, रिश्तेदार ने ही रची थी साजिश
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प्रेस कांफ्रेंस करते एसएसपी शलभ माथुर और इनसेट में मृतक आशुतोष की फाइल फोटो प्रेस कांफ्रेंस करते एसएसपी शलभ माथुर और इनसेट में मृतक आशुतोष की फाइल फोटो

कानपुर: कानपुर नगर से पीएनबी ब्रांच मैनेजर के बेटे आशुतोष के अपहरण मामले से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि अपहृत बच्चे की हत्या कर दी गई है। साथ ही आरोपियों ने कई खुलासे भी किए।

वारदात में रिश्तेदार था शामिल

बताया जा रहा है कि पुलिस ने शक के आधार पर मासूम के मौसा के भाई और उसके कुछ साथियों ने बच्चे को उठाया था। उन्होंने छात्र के अपहरण और उसकी हत्या कर शव जलाए जाने की बात कबूली है। पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका खुलासा किया। बच्चे के मौसा के भाई और उसके साथियों ने ही बच्चे को बीते 8 जून को अगवा किया था। फिरौती के लिए परिजनों से 25 लाख रुपए की मांग भी की थी। आशुतोष की मां कुसुमलता की बहन का देवर प्रकाश और उसकी पत्नी रौनक को पुलिस ने शुक्रवार तड़के घर से उठाया। उन्होंने दो साथी विशाल और शेरा का नाम भी बताया।

10 जून को ही कर दी थी हत्या

सूत्रों की मानें तो बीते दस तारीख को ही बच्चे की हत्या कर दी गई थी। शव को कानपुर देहात के डेरापुर में जला दिया गया था। अब पुलिस ने बच्चे के मौसा के भाई समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस मौके पर गई। जहां से अपहृत बच्चे के बेल्ट का बक्कल और जले के निशान सहित कुछ राख बरामद हुई।

आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरे मामले के खुलासे को ...

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रोते बिलखते परिजन रोते बिलखते परिजन

ऐसे की हत्या

किडनैपरों ने पहले मासूम की चुनरी से गला घोंट हत्या की। इसके बाद शव को झाड़ियों में छुपाया। देर रात पुलिया के नीचे पेट्रोल डालकर शव को जला दिया। घटना के 10 दिन बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी है।इस बात को लेकर परिवार सहित इलाके के लोगों में खासा रोष है।

सात जून को उठाने का बनाया था प्लान

शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस कर एसएसपी शलभ माथुर ने आशुतोष हत्याकांड का खुलासा किया। माथुर ने बताया, इस वारदात में बच्चे के मौसा के भाई प्रकाश ने किडनैप का प्लान बनाया था। इस प्लान में विशाल, शेरा, अतीक और प्रकाश की पत्नी रौनक शामिल थी। उन्होंने बताया कि प्रकाश ने कई दिन तक आशुतोष के घर की रेकी की थी। ये सात जून को ही बच्चे को किडनैप करने वाले थे।

चलती कार में गला घोंटा

प्रकाश और उसके साथी बच्चे को कार में डालकर कानपुर देहात के अकबरपुर की तरफ भाग गए। 09 जून को कानपुर देहात के गौरैयापुर गांव में रहने वाली सुनीता के घर पर बच्चे को रखा। सुनीता की लड़की संध्या विशाल की गर्लफ्रेंड है। 10 जून को प्रकाश, विशाल, शेरा और अतीक ने चलती कार में ही बच्चे की गला घोंट हत्या कर दी।

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नाले में बहाया अवशेष

देर रात इन लोगों ने आशुतोष के शव को झाड़ियों से बाहर निकाला और पुलिया के नीचे पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसके बाद अवशेष को वहां से हटा दिया। पुलिस का मानना है कि बगल में नाला बहता है उसी में अवशेष को डाल दिया गया।

ये थी हत्या की वजह

आरोपियों ने बताया कि बच्चे के पिता धर्मराज को प्रकाश ने अकबरपुर में जमीन दिलाया था। जिसे धर्मराज ने फ़ौरन खरीद लिया था। उन्होंने उसका तत्काल पेमेंट भी कर दिया। तभी प्रकाश के मन में ख्याल आया कि इनके पास बहुत रुपए है क्यों न इनके एकलौते बेटे का अपहरण कर रुपए ऐंठे जाएं। इनका प्लान था कि रुपए लेने के बाद बच्चे को खत्म कर देंगे।

पुलिस दबाव में खोली जुबान

एसटीएफ सीओ मनीष सोनकर के मुताबिक शुक्रवार सुबह जब प्रकाश और उसकी पत्नी को उठाया गया और सख्ती से पूछताछ की गई तो रौनक टूट गई। उसने पूरी बात बताई। उसने विशाल और शेरा का भी नाम बताया। इनकी निशानदेही पर जब पुलिया के नीचे जाकर देखा तो पूरी कहानी सामने आ गई।

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वह पुलिया जहां जलाया गया बच्चे का शव वह पुलिया जहां जलाया गया बच्चे का शव

आरोपियों के पिता पुलिस विभाग में हैं

प्रकाश के पिता हेड कांस्टेबल थे। वे कानपुर देहात से ही रिटायर्ड हुए थे। वहीं विशाल और शेरा के पिता कानपुर देहात पुलिस लाइन में फोर्थ क्लास के कर्मचारी हैं। वहीं इनका साथी अतीक, सुनीता और उसकी बेटी फरार चल रहे हैं।

कॉल कर सिम तोड़ देता था

एसटीएफ सीओ मनीष सोनकर ने बताया की सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। प्रकाश ने कानपुर देहात के मोबाइल शॉप चलाने वाले सर्वेश से तीन मोबाइल और फर्जी आईडी से तीन सिम लिए थे। वह सिम डालकर बात करने के बाद सिम तोड़ देता था।

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क्या था मामला ?

-बीते 8 जून को नौबस्ता थाना क्षेत्र के आई ब्लॉक किदवई नगर से एक बच्चे के अपहरण की सूचना मिली।

-बच्चे की पहचान पीएनबी ब्रांच मैनेजर धर्मपाल सिंह के ग्यारह साल के बेटे आशुतोष के रूप में हुई।

-छात्र का अपहरण उस वक्त हुआ था जब वह ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से निकला था।

-घटना वाली रात अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को फोन कर फिरौती की मांग की।

-इसके बाद से एसपी और क्राइम ब्रांच ने सर्विलांश के आधार पर जांच में जुट गई।

पंजाब नेशनल बैंक की चकेरी शाखा में मैनेजर धर्मपाल सिंह के परिवार में पत्नी कुसुम लता, तीन बेटियां सौम्या, सृष्टि, तान्या और इकलौता बेटा आशुतोष था। वह छठी क्लास का छात्र था।

कानपुर एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि अभी बच्चे की डेड बॉडी को रिकवरी करने का प्रयास कर रही है। इसके आलावा मामले से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश में जुटी है।

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