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लैबर बैंक से श्रमिकों व कामगारों की कमी होगी पूरी, प्राधिकरण ने की पहल
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि डाटाबेस के माध्यम से औद्योगिक , व्यवसायिक एवं निर्माण से संबंधित इकाईयां श्रमिक व कामगार परस्पर सीधे संपंर्क में आ जाएंगे। जिसके माध्यम से औद्योगिक व्यवसायिक एवं निर्माण संबंधित इकाईयां को अपनी गतिविधियों को प्रारंभ किए जाने में सुविधा होगी। साथ ही कामगारों को रोजगार भी प्राप्त होगा और श्रमिकों का पलायन कम होगा।
नोएडा। लॉकडाउन के चलते श्रमिकों का पलायन निरंतर जारी है। श्रमिकों की कमी का असर शहर में संचालित विकासीय योजनाओं पर दिखने लगा है। यह योजनाएं प्राधिकरण या कार्यशील औद्योगिक, व्यवसायिक व निर्माणाधीन इकाईयां से संबंधित हो। कार्यो को सुचारू रूप से निष्पादन के लिए बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी के दिशा निर्देशन में नोएडा क्षेत्र में निवासित श्रमिकों का एक डाटाबेस वालंटियर्स तैयार किया जा रहा है। इसके लिए श्रमिकों को पंजीकरण कराना होगा।
प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार द्वारा पूरे देश में 24 मार्च से लाकडाउन घोशित कर दिया था। जोकि वर्तमान में भी प्रभावी है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक , व्यवसायिक एवं निर्माण गतिविधियों को सुरक्षा का पालन करते हुए दोबारा शुरू करने की सशर्त अनुमति मिली है।
कार्यो को सुचारू रूप से करने के लिए बड़ी संख्या में श्रमिक व कामगार की आवश्यकता है। वर्तमान में कार्य कराने वाले एवं कार्य करने वाले दोनों ही स्तंभो में आपसी सामंजस्य स्थापित न होने के कारण असमंजस की स्थिति है।
कुछ ऐसा होगा डाटाबेस वालंटियर्स
इस स्थिति से निपयने के लि, श्रमिकों व इकाईयों के मध्य समन्वय बनाए जाने के लिए नोएडा क्षेत्र के श्रमिकों व कामगारों का एक डाटाबेस वालंटिर्यस प्राधिकरण के कर्मचारियों के माध्यम से तैयार किया जा रहा है जो सभी औद्योगिक , व्यवसायिक एवं निर्माण संबंधित एजेंसियों को भी उपलब्ध होगा।
इसके लिए गूगल पर किसी भी मोबाइल के माध्यम से फार्मसडाटजीएलई/के8डब्ल्यूएमआर3एबीयूईकेयूसीयूके8 पर जाकर लैबर बैंक में पंजीकरण करना होगा। यहा आवेदक को नाम , आयु, अनुभव , स्किल, पता, स्थान, फोन नंबर, पिछले कार्य का स्थान, पहचान प्रमाण आदि भरकर अपलोड करना होगा।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि डाटाबेस के माध्यम से औद्योगिक , व्यवसायिक एवं निर्माण से संबंधित इकाईयां श्रमिक व कामगार परस्पर सीधे संपंर्क में आ जाएंगे। जिसके माध्यम से औद्योगिक व्यवसायिक एवं निर्माण संबंधित इकाईयां को अपनी गतिविधियों को प्रारंभ किए जाने में सुविधा होगी। साथ ही कामगारों को रोजगार भी प्राप्त होगा और श्रमिकों का पलायन कम होगा।