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लखनऊ: अब आदर्श मोहल्ले का शिगूफा, नगर निगम में पेश हुआ 22 अरब के वादों का बजट
लखनऊ: देश भर में बहुप्रचारित 'सांसद आदर्श गांव' के बाद लखनऊ नगर निगम ने 'पार्षद आदर्श मोहल्ले' का नया शिगूफा छोड़ा है। मगर, बजट के नाम पर प्रति आदर्श मोहल्ला सिर्फ 10 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
विरोधियों का कहना है, कि आदर्श गांव की तरह आदर्श मोहल्ला भी सिर्फ कागजों पर बनेगा। फिलहाल लखनऊ नगर निगम ने 6 घंटे की मैराथन बैठक के बाद 22 अरब 81 करोड़ रुपए का बजट पास कर दिया है।
110 आदर्श मोहल्लों के लिए 11 करोड़ रुपए
नगर निगम में सोमवार को देर शाम तक चली बैठक में 22 अरब 81 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया, जो पिछले साल की तुलना में करीब 1 अरब कम है। हर वार्ड को विकास कार्यों के लिए 95 लाख रुपए दिया जाएगा। इस पर भी सदन में काफी गहमा गहमी रही। नगर आयुक्त ने यह राशि 75 लाख रुपए प्रस्तावित की, जिस पर पार्षदों ने 85 लाख रुपए की मांग उठाई। उसके बाद मेयर ने रकम बढ़ाकर 95 लाख रुपए कर दी। इसके बाद पक्ष-विपक्ष के पार्षद मुस्कुरा कर इसका स्वागत करते दिखे। साथ ही, सड़कों के विकास पर हर वार्ड में करीब 60 लाख रुपए खर्च करने होंगे। इतना ही नहीं मकान का नक्शा बदलने पर अब 5 हजार फिक्स की जगह मकान की कीमत का 1 फीसदी म्यूटेशन चार्ज देना होगा।
हर मंगल को होगा 'लोक मंगल'
बजट प्रस्ताव के दौरान सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को अलग-अलग जोन में 'लोक मंगल' दिवस मनाया जाएगा। इसमें पार्षद और अधिकारी आमलोगों की समस्याएं सुनेंगे, साथ ही 15 से 45 दिन में उसका निबटारा करना अनिवार्य होगा। मेयर संयुक्ता भाटिया ने बताया, कि आवश्यकता पड़ने पर नगर आयुक्त और खुद मेयर भी लोक मंगल दिवसों पर लोगों की समस्या सुलझाने पहुंचेंगे। बजट में यह भी तय किया गया कि अब नालों की सफाई ठेके पर नहीं कराई जाएगी। संविदा पर काम करने वालों का भुगतान होली पर कर दिया जाएगा। इसके आलावा लोक कल्याण मंडपों का किराया भी नहीं बढ़ाया गया है।