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Lucknow News: आयुष्मान योजना में बड़ा घोटाला: लाभार्थियों के नाम पर 10 करोड़ का हेरफेर, हजरतगंज थाने में दर्ज हुई FIR, जांच में जुटी पुलिस

Lucknow News: ये हेरफेर आयुष्मान भारत के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ साथ मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में किया गया है। प्रकरण में लखनऊ के हजरतगंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

Hemendra Tripathi
Published on: 10 Jun 2025 2:56 PM IST
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Lucknow News: केंद्र व राज्य सरकार की ओर से आम लोगों के लिए शुरू की गई सरकारी योजनाओं में हेरफेर से जुड़े अनेकों मामले सामने आते हैं। इन्हीं मामलों के बीच अब आयुष्मान भारत योजना में भी बड़ा घोटाला सामने आया, जहां लाभार्थियों के नाम पर जालसाजों ने कोई 10 या 50 लाख का नहीं बल्कि करीब 10 करोड़ का हेरफेर कर दिया। ये हेरफेर आयुष्मान भारत के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ साथ मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में किया गया है। प्रकरण में लखनऊ के हजरतगंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस प्रकरण में जांच कर रही है।

साचीज एजेंसी के अधिकारी की शिकायत पर दर्ज हुई FIR, E-Mail ID का हुआ गलत इस्तेमाल

लखनऊ के हजरतगंज स्थित अशोक मार्ग पर नवचेतना केंद्र बिल्डिंग में साचीज एजेंसी का कार्यालय बना हुआ है। इस साचीज एजेंसी के पास आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने वालों को रुपए का पेमेंट कराने का जिम्मा सौंपा गया है। एजेंसी के अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि साचीज एजेंसी के CEO, मैनेजर समेत लेखाधिकारी की ऑफिशल E-MAIL आईडी का जालसाजों की ओर से गलत इस्तेमाल करते हुए लाभार्थियों के नाम पर बड़ा हेरफेर किया गया है। उन्होंने बताया कि 39 अस्पतालों के 6239 लाभार्थियों के नाम पर कुल नौ करोड़ 94 लाख यानी करीब 10 करोड़ रुपये हड़पे गए हैं।

जानिए! साचीज एजेंसी में कैसे होता है लाभार्थियों को पेमेंट करने का काम

साचीज एजेंसी के अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि एजेंसी की ओर से आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड धारकों के बेहतर इलाज के खर्चे का पूरा पेमेंट राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पोर्टल के जरिए ऑनलाइन किया जाता है। वहीं, जिनके पास आयुष्मान कार्ड होता है, उसके इलाज के खर्च की सारी डिटेल संबंधित अस्पताल के पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। एजेंसी की ओर से पोर्टल पर दर्ज ब्यौरे की जांच के बाद इसकी ऑनलाइन संस्तुति की जाती है। इसके बाद साचीज एजेंसी की ओर से इसका ऑडिट लॉग इन से किया जाता है। इसके बाद एजेंसी के लेखाधिकारी व CEO इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं, जिसके बाद संबंधित बैंक इलाज करने वाले अस्पतालों को ऑनलाइन पेमेंट करता है।

एजेंसी के अधिकारियों ने नहीं किया कोई पेमेंट, जांच में जुटी पुलिस

एजेंसी के अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने अपनी तहरीर में बताया कि इस फर्जीवाडे का पता चलते ही इलेंस कि ओर से जांच कराई गई। जाँच में पता चला कि एजेंसी के किसी भी अधिकारी की तरफ से संबंधित अस्पतालों को पेमेंट नहीं किया गया है। इसके साथ ही हजरतगंज थाने के इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी की ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।

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Shalini singh

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