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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे या 7 हजार करोड़ की सबसे बड़ी लूट ? CM योगी पर अखिलेश यादव का करारा हमला
Gorakhpur link expressway scam Akhilesh Yadav vs Yogi: अखिलेश यादव ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को "सबसे महंगा राजमार्ग" करार देते हुए यह भी कहा कि “मुख्यमंत्री को तो ये भी नहीं पता कि एक्सप्रेसवे और राजमार्ग में फर्क क्या होता है।" ये बयान सिर्फ बयान नहीं था, यह एक खुला राजनीतिक युद्ध था। और सबसे दिलचस्प बात ये कि हमला भी सीधा योगी आदित्यनाथ के घर पर ही किया गया।
Gorakhpur link expressway scam Akhilesh Yadav vs Yogi: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। चुनावी मौसम तो अभी दूर है, लेकिन बयानों की आग अभी से जलने लगी है। इस बार अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में ऐसा तीर चलाया है, जिसकी गूंज लखनऊ से दिल्ली तक सुनाई दे रही है। अखिलेश ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा आरोप जड़ दिया है। दावा किया है कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के नाम पर उत्तर प्रदेश के खजाने में सबसे बड़ी डकैती डाली गई है।
अखिलेश यादव ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को "सबसे महंगा राजमार्ग" करार देते हुए यह भी कहा कि “मुख्यमंत्री को तो ये भी नहीं पता कि एक्सप्रेसवे और राजमार्ग में फर्क क्या होता है।" ये बयान सिर्फ बयान नहीं था, यह एक खुला राजनीतिक युद्ध था। और सबसे दिलचस्प बात ये कि हमला भी सीधा योगी आदित्यनाथ के घर पर ही किया गया। अखिलेश ने मंच से दावा कर दिया कि गोरखपुर एक्सप्रेसवे घोटालों की नई किताब है, और अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो इसका पूरा हिसाब लिया जाएगा।
गोरखपुर एक्सप्रेसवे: विकास या 7 हजार करोड़ की ‘लूट’ ?
अखिलेश यादव ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की लागत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ये एक्सप्रेसवे नहीं, बल्कि सिर्फ एक चार-लेन का राजमार्ग है। उन्होंने गिना कर बताया कि अगर कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपये है और किसानों का मुआवजा 2 हजार करोड़ रुपये था, तो बाकी बचे 5 हजार करोड़ का क्या हुआ? अखिलेश बोले – “क्या 91 किलोमीटर सड़क पर 50 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर लगेंगे? वो भी सिर्फ चार लेन पर?”
इस खुलासे ने यूपी की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। अखिलेश ने कहा कि ये सड़क भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों के अनुसार नहीं बनी है और उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा – “जिसे 4-लेन सड़क और एक्सप्रेसवे का फर्क नहीं पता, वह प्रदेश चला रहा है।” अखिलेश ने यह भी याद दिलाया कि यूपी में एक्सप्रेसवे की असली शुरुआत समाजवादी पार्टी ने ही की थी। उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उदाहरण दिया और कहा कि जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बना था, तो पूरी दुनिया ने उसकी गुणवत्ता देखी थी। अखिलेश बोले – “जब सपा की सरकार आएगी तो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी बेहतर बनाएंगे। यूपी को दिखाएंगे कि असली विकास क्या होता है।”
D-कंपनी, दाऊद और ‘विकास कंपनी’ की नई बहस
जब संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश से ‘डी-कंपनी’ का जिक्र हुआ तो उन्होंने बीजेपी पर करारा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा – “ये बताइए कि आप किस डी-कंपनी की बात कर रहे हैं? हम जिस डी-कंपनी की बात कर रहे हैं, वह विकास कंपनी है। बीजेपी वाले हर बार दाऊद और पाकिस्तान का नाम घसीट कर जनता को गुमराह करना चाहते हैं, लेकिन असली मुद्दा सड़कें, स्कूल, अस्पताल और नौकरियां हैं।" अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सिर्फ नफरत फैलाकर सत्ता में आई है और अब जब उनसे सवाल पूछे जाते हैं तो वो धर्म, आतंकवाद और पाकिस्तान की बातें करने लगते हैं।
योगी का पलटवार – ‘गड्ढों में डूबी सड़कें छोड़ी थीं, हमने प्रदेश को विकास दिया’
गोरखपुर एक्सप्रेसवे के उद्घाटन पर योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश यादव की सरकार पर तीखा हमला किया था। योगी ने कहा था कि 2017 से पहले यूपी में सड़कों का हाल इतना बदतर था कि पता ही नहीं चलता था कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क। योगी का दावा था कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास तो कर दिया गया था, लेकिन जमीन का अधिग्रहण तक नहीं हुआ था। योगी ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकारें विकास की बजाय डी-कंपनी और दाऊद गिरोह के साथ साझेदारी करती थीं और यूपी को आतंकवाद का गढ़ बना दिया था। योगी ने याद दिलाया कि आजमगढ़ जैसे जिलों में वंदे मातरम गाने पर लोगों की हत्या कर दी जाती थी। योगी बोले – “अब ऐसा दुस्साहस कोई नहीं कर सकता। जो करेगा उसके लिए यमराज का टिकट पहले से कट जाएगा।”
कौन सही, कौन गलत? चुनाव से पहले विकास पर सीधी जंग
अब सवाल ये है कि क्या वाकई गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे में घोटाला हुआ है या अखिलेश सिर्फ राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं? बीजेपी का दावा है कि योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे को कम लागत में, बेहतर चौड़ाई के साथ तैयार किया है, जबकि अखिलेश इसे सबसे बड़ा घोटाला करार दे रहे हैं। दोनों पक्ष अपनी-अपनी गणनाएं जनता के सामने रख रहे हैं। एक बात तो तय है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में विकास अब सिर्फ आंकड़ों और घोषणाओं तक सीमित नहीं रह गई है। अब हर सड़क, हर पुल और हर परियोजना चुनावी हथियार बन चुकी है। जहां योगी सरकार पूर्वांचल और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को अपना सबसे बड़ा विकास मॉडल बता रही है, वहीं अखिलेश इसे महाघोटाला कह रहे हैं। अखिलेश ने साफ कर दिया कि अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के हर खर्च का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने योगी सरकार पर करारा तंज कसते हुए कहा – “विकास की आड़ में जनता से धोखा मत करो। उत्तर प्रदेश के लोग अब सब समझने लगे हैं।”
क्या 2027 का चुनाव ‘सड़क बनाम घोटाला’ होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या आने वाले विधानसभा चुनावों में ये सड़कें ही तय करेंगी कि कौन सत्ता में रहेगा? क्या बीजेपी योगी के विकास मॉडल पर चुनाव लड़ेगी या फिर अखिलेश के लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप बीजेपी पर भारी पड़ेंगे? फिलहाल लड़ाई तेज हो गई है। और इस बार मुद्दा सिर्फ विकास नहीं, बल्कि विकास के नाम पर कथित लूट बन गई है। अब यूपी की जनता को तय करना है – गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे विकास का प्रतीक है या उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ‘सड़क घोटाला’?*
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