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Lucknow News: यमुना को चमकाने की बात: लेकिन गोमती अब भी कराह रही, देखिए 600 करोड़ खर्च के बाद भी क्यों नहीं बदली नदी की किस्मत

Lucknow News: एक तरफ जहां दिल्ली में यमुना को साफ करने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं लखनऊ की गोमती नदी गंदगी, बदबू और सरकारी लापरवाही का शिकार बनी हुई है।

Sumit Yadav
Published on: 11 Jun 2025 2:35 PM IST (Updated on: 11 Jun 2025 3:07 PM IST)
Lucknow News: यमुना को चमकाने की बात: लेकिन गोमती अब भी कराह रही, देखिए 600 करोड़ खर्च के बाद भी क्यों नहीं बदली नदी की किस्मत
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Lucknow News: लखनऊ की जीवनरेखा कही जाने वाली गोमती नदी इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रही है। एक तरफ जहां दिल्ली में यमुना को साफ करने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं लखनऊ की गोमती नदी गंदगी, बदबू और सरकारी लापरवाही का शिकार बनी हुई है।

सरकारी योजनाएं बनीं दिखावटी, हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते गए

स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे जैसी योजनाएं इस नदी को संवारने के लिए चलाई गईं, लेकिन हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ते चले गए। साल 2017 के बाद से गोमती की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन नदी की सूरत नहीं बदली।


घाटों पर बदबू और सीवर की मिलावट

कुड़िया घाट, हैदर कैनाल, गोमती बैराज और हनुमान सेतु जैसे इलाकों में नदी का पानी बदबू मार रहा है। प्लास्टिक का कचरा और नाले का गंदा पानी खुलेआम नदी में गिर रहा है। लोग वहां खड़े तक नहीं हो पाते क्योंकि हवा में सड़ांध घुली रहती है।


रिवर फ्रंट भी नहीं बचा, सालाना खर्च बना मज़ाक

गोमती रिवर फ्रंट, जिसे लखनऊ की सुंदरता का प्रतीक बनाया गया था, वहां भी हालात चिंताजनक हैं। सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों खर्च होते हैं, लेकिन पानी में जलकुंभी और शहर की गंदगी तैरती दिखती है।


कितना खर्च हुआ गोमती की सफाई पर?

सरकारी आंकड़ों और आरटीआई के जवाबों के अनुसार, 2017 से 2023 के बीच गोमती की सफाई पर लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें जल निगम और नमामि गंगे योजनाओं के तहत दिए गए बजट शामिल हैं:

2017-18: ₹83.83 करोड़

2018-19: ₹94.67 करोड़

2019-20: ₹102.21 करोड़

2020-21: ₹89.55 करोड़

2021-22: ₹117.3 करोड़

2022-23: ₹109.87 करोड़

कुल खर्च: लगभग ₹597 करोड़। इसके अलावा ‘नमामि गंगे 2.0’ योजना के तहत केंद्र सरकार ने भी फंड जारी किए हैं।


अखिलेश यादव का हमला: गोमती को सिर्फ कागजों पर सजाया गया

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गोमती की बदहाली को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा नेता अगर जमीनी सच्चाई देखना चाहते हैं तो गोमती में बोटिंग करें, तभी उन्हें समझ आएगा कि हालात कितने खराब हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने गोमती नदी को सिर्फ कागज़ों पर संवारने का काम किया है, जबकि असलियत में वह आज भी गंदगी और उपेक्षा का शिकार बनी हुई है।




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Shalini singh

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