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Lucknow News: अब एआई बेस्ड पोर्टल से होगी यूपीपीसीबी की कार्यप्रणाली ! नई तकनीक-समाधान के लिए गठित होगी नई सेल
UPPCB will be done through AI based portal
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण को सशक्त बनाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ढांचे के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की व्यापक योजना तैयार की गई है। यह प्रस्ताव शासन स्तर पर अनुमोदन के लिए प्रक्रियाधीन है, इसके लागू होने से राज्य में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है। साथ ही यूपीपीसीबी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से आवेदनों की शुल्क संरचना में भी बदलाव किया जाएगा।
इसके अलावा यूपीपीसीबी की कार्य प्रणाली को अधिक सरल और पारदर्शी बनाने के लिए आईटी और एआई टेक्नालॉजी युक्त एक पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जो प्रदेश में पर्यावरण प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाएगा।
मंडल मुख्यालयों पर यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का प्रस्ताव
योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में हो रहे तीव्र विकास के चलते बढ़ते औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण प्रदूषण में भी वृद्धि हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसके विस्तारीकरण और सुदृढ़ीकरण की कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसके तहत प्रदेश सभी मंडल मुख्यालयों और प्रमुख औद्योगिक जिलों में यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की जाएगी।
वहीं बाकि जिलों में जिला-स्तरीय कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी और प्रबंधन को सुदृढ़ किया जा सके। इसके अतिरिक्त, ठोस अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट (एसटीपी और सीईटीपी), खतरनाक अपशिष्ट, ई-वेस्ट, और बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए अलग-अलग विशेष सेल का गठन प्रस्तावित है। इन सेलों के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन को और अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाया जाएगा।
यूपीपीसीबी की आवेदन शुल्क संरचना में भी होगा बदलाव
पर्यावरणीय अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए यूपीपीसीबी एक समर्पित सेल की स्थापना करेगी, जो प्रदूषण नियंत्रण की नवीन तकनीकों और समाधानों पर कार्य करेगी। साथ ही, पर्यावरणीय जन-जागरूकता और प्रकाशन के लिए भी एक नया सेल गठित होगा, जो जनता को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यूपीपीसीबी के वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने के लिए आवेदनों की शुल्क संरचना में संशोधन का प्रस्ताव भी शामिल है। वर्ष 2008 में निर्धारित शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो पूंजीगत निवेश और प्रदूषण स्तर के आधार पर निर्धारित होगा। वर्तमान में प्रचलित 12 श्रेणियों के स्थान पर अब केवल 7 श्रेणियों में शुल्क वर्गीकृत किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।
एआई बेस्ड पोर्टल से यूपीपीसीबी की कार्य प्रणाली होगी सरल और पारदर्शी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्य प्रणाली को अधिक सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक आधुनिक पोर्टल विकसित करने का भी प्रस्ताव है। जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का समावेश होगा। इस पोर्टल के जरिए औद्योगिक इकाईयां स्वयं अपनी अनुपालन आख्या अपलोड कर सकेंगी। इसके अलावा, सहमति नवीनीकरण और अनुपालन आख्या समय पर जमा करने के लिए उद्योगों को ई-एलर्ट भेजे जाएंगे। निरीक्षण के बाद आख्या को तत्काल अपलोड करने और एआई के माध्यम से स्वयं अनुपालन आख्या की जांच करने की सुविधा भी इस पोर्टल में शामिल होगी।
यह योजना उत्तर प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। शासन से अनुमोदन के बाद इसके कार्यान्वयन से न केवल पर्यावरणीय प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि औद्योगिक अनुपालन और जन-जागरूकता में भी उल्लेखनीय प्रगति होगी।
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