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Mahoba News: पुलिस बनी फरिश्ता: चिटफंड से हताश महिला को दिलवाई जमा पूंजी, बेटी की शादी बचाई

Mahoba News: पुलिस ने बैंक मैनेजर से मिलकर जरूरी दस्तावेज जुटाए और कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाते हुए 24 घंटे के भीतर महिला को उसकी पूरी जमा पूंजी वापस दिलवाई। इसके बाद महिला को सुरक्षित घर भी पहुंचाया गया।

Imran Khan
Published on: 5 Jun 2025 11:00 PM IST
Police becomes angel: Desperate woman gets Delhi deposit from chitfund, saves daughters wedding
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पुलिस बनी फरिश्ता: चिटफंड से हताश महिला को दिलवाई जमा पूंजी, बेटी की शादी बचाई (Photo- Social Media)

Mahoba News: महोबा से एक सराहनीय और भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है। शहर कोतवाली पुलिस ने संवेदनशीलता और तत्परता की मिसाल पेश करते हुए एक महिला को आत्महत्या जैसे घातक कदम से न सिर्फ बचाया, बल्कि उसकी वर्षों की जमा पूंजी वापस दिलाकर उसकी बेटी की शादी का रास्ता भी साफ कर दिया।

पचपहरा गांव निवासी श्याम सुंदर की पत्नी रामश्री ने अपनी बेटी की शादी के लिए परमानंद चौक स्थित एक निजी चिटफंड कंपनी अचीवर्स में छह वर्षों तक ₹3000 प्रतिमाह के हिसाब से धन जमा किया था। लेकिन समय पूरा होने के बाद भी कंपनी द्वारा रकम न लौटाने से वह मानसिक तनाव में आ गई। हताश होकर महिला कल कंपनी के कार्यालय पहुंची और डीजल लेकर आत्मदाह का प्रयास किया। घटना की सूचना मिलते ही शहर कोतवाली प्रभारी अर्जुन सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और महिला को हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

पुलिस ने बैंक मैनेजर से मिलकर जरूरी दस्तावेज जुटाए और कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाते हुए 24 घंटे के भीतर महिला को उसकी पूरी जमा पूंजी वापस दिलवाई। इसके बाद महिला को सुरक्षित घर भी पहुंचाया गया। भावुक रामश्री ने कहा कि मेरी बेटी की शादी में जो बाधा आ रही थी, वह अब दूर हो गई है। पुलिस ने जो मदद की है, वह मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं।

यह घटना दर्शाती है कि जब पुलिस संवेदनशीलता के साथ काम करे, तो वह समाज की सबसे बड़ी ताकत बन सकती है।

महोबा जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मोर्चरी में शवों की अदला-बदली से मचा हड़कंप

महोबा जिला अस्पताल और पुलिस की बड़ी लापरवाही उस वक्त उजागर हो गई जब मोर्चरी हाउस में दो शवों की अदला-बदली हो गई। इस चूक के कारण मृतक युवक के परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने सही शव को परिजनों को सौंपा, जिसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली। इस गंभीर लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रशासन और पुलिस मौन साधे हुए हैं।


घटना महोबा जनपद के कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के मोहारी गांव की है, जहां के निवासी घासीराम का 40 वर्षीय बेटा हृदेश किसी कार्य से ट्रेन से यात्रा कर रहा था। इस दौरान ट्रेन से गिरकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आधारकार्ड से पहचान होने और मोबाइल नंबर मिलेने पर परिवार को सूचना दी थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया और मोर्चरी हाउस में सुरक्षित रखवाया था लेकिन जब मृतक के परिजन शव लेने मोर्चरी पहुंचे, तो वहां उन्हें किसी अन्य व्यक्ति का शव दें दिया गया।

जिसे देख परिवार हैरत में पड़ गया और जमकर हंगामा किया। बताया गया कि मृतक शव अन्य शव से बदल गया था जिसे पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया था। इस बात परिजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण किसी अन्य मृतक के शव की जगह हृदेश का शव किसी और को दे दिया गया था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लगभग ढाई घंटे की खोजबीन के बाद शव को बरामद कर परिजनों को सौंपा।


इस पूरी घटना के बाद अस्पताल और पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में आ गए हैं। हालांकि, इस मामले पर जिला अस्पताल के किसी भी अधिकारी ने मीडिया के सामने बयान देने से इनकार कर दिया है। वहीं, पुलिस भी इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है। घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों ने मांग की है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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