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बड़े शौक से बनाया था पशुओं के लिए ये आश्रयशाला, अब क्या हुआ?
जहां एक ओर केंद्र सरकार और सूबे की सरकार गायों के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। वहीं दूसरी एक बार जो अधिकारी पशुओं के लिए बनाये गए आश्रयशाला का यहां निरिक्षण करने पहुंचे, तो दोबारा वहां मुड़ कर नहीं देखा। नतीजा आपके सामने है। प्रशासन की
हरदोई: जहां एक ओर केंद्र सरकार और सूबे की सरकार गायों के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। वहीं दूसरी एक बार जो अधिकारी पशुओं के लिए बनाये गए आश्रयशाला का यहां निरिक्षण करने पहुंचे, तो दोबारा वहां मुड़ कर नहीं देखा। नतीजा आपके सामने है। प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भोले- भाले पशुओं को उठाना पड़ रहा है।
क्या है मामला?
- हरदोई जिले के टड़ियावां विकास खंड के बहर गांव में ग्राम सभा क्षेत्र में पूर्व जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना के द्वारा एक पशु आश्रयशाला का निर्माण कराया गया था।
- खुशनूदगी लूटने के लिए शहर से पकड़ कर कई सारे जानवर बंद किए गए थे, लेकिन उनके लिए कोई समुचित व्यवस्था नही की गई।
- इंतजामों की कमी के चलते एक एक कर के जानवरों की लगातार मौत हो रही है।
- कोई भूख के मारे मर रहा है तो किसी को बीमारी। जिसका सीधा साधा उदाहरण गेट पर अंतिम सांसे ले रही वह गाय है जिसे अब कोई देखना तक नहीं चाहता।
आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि यह तो केवल बानगी भर है। इससे पहले कई जानवर मर चुके हैं, जिसके बाद इन्हें खोल कर बाहर निकाल दिया गया। लेकिन इस तरफ प्रशासन ने कभी देखा तक नहीं। अब पशु आश्रय शाला में कुछ भी नहीं है। यहां के जानवर बाहर निकाल दिए गए हैं। इनके खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है।
जानवरों की हालत बद से बदतर होने की ख़बर जैसे ही प्रशासनिक अमले को लगी वैसे ही हड़कम्प मच गया और आनन फानन में जिलाधिकारी पुलकित खरे ने गौशाला का निरीक्षण किया ।
जिलाधिकारी ने डीएफओ, जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि इस क्षे़त्र में जानवरों के लिए किस तरह की घास आदि की खेती की जा सकती है। साथ ही डीसी एनआरएलएम से कहा कि 8-10 लोगो का समूह का गठन करें जो जानवरों के गोबर को इक्ट्ठा कर उससे बनने वाली खाद से अपना खर्च निकालने के साथ जानवरों के चारे आदि की व्यवस्था की जाये ।