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70 साल की दादी मांग रही पत्नी का दर्जा...लेकिन कोई सुनता नहीं

Rishi
Published on: 26 March 2017 9:04 PM IST
70 साल की दादी मांग रही पत्नी का दर्जा...लेकिन कोई सुनता नहीं
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मेरठ: जिस घटना के बारे में हम आज आपको बता रहे हैं, वो हमें ये सोचने पर मजबूर जरुर करेगी कि आखिर हमारा समाज और सोच जा किस तरफ रही है। शहर के कंकरखेडा इलाके की रहने वाली एक बेसहारा बुजुर्ग महिला पत्नी होने का हक पाने के लिए पुलिस अधिकारियों के आगे पीछे चक्कर लगा रही है। जिस उम्र में मां-बाप को सेवा की जरूरत होती है। वह उस अवस्था में अपने लिए पत्नी का दर्जा पाने के लिए जंग लड़ रही है, हाँ ! ये जंग ही तो है।

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कंकरखेडा की शोभा शर्मा की शादी 1970 में सहारनपुर निवासी फौजी जगतराम जस्सा के साथ हुई थी। शादी के कई साल बाद भी इन दोनों को कोई बच्चा नहीं हुआ और शादी के बीस वर्ष बाद पति जगतराम की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। इसके बाद शोभा अपने मायके आकर रहने लगी।

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2004 में शोभा की मुलाकात रामनगर के आर्मी से रिटायर लालचंद से हुई। लालचंद शादीशुदा था। उसका अपनी बीवी से कोर्ट में तलाक का केस चल रहा था। लालचंद के चार बेटे एक बेटी थी। लालचंद ने अपनी पहली बीवी को तलाक दिए बिना 2004 मे शोभा से कोर्ट में शादी कर किराए के मकान में एक साथ रहने लगा।

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शोभा ने बताया लालचंद बैंक मे नौकरी करने लगा था। जिसकी दो पेंशन आने से घर खर्चा आसानी से चल रहा था। अब बुढ़ापे के दौरान लाल के बेटे अपने पिता को शोभा के पास से ले गए। जब शोभा को सहारे कि जरुरत थी तो उसे अपने पति से अलग कर दिया गया।

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शोभा रोते हुए कहती है हमें अलग कर दिया गया। अगर अलग करना था तो जब करना था, जब हमारे अंदर कमाने की ताकत थी। अब 70 वर्ष की आयु में किसके पास जाकर इंसाफ की गुहार करूं। शोभा ने बताया कि एसएसपी से लेकर जिले के सभी बड़े अधिकारियों के चक्कर लगा रही हूँ लेकिन कोई मेरी बात नहीं सुनता।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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