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Meerut News: किसान की मौत पर मेरठ में हंगामा, शव रखकर कलक्ट्रेट में धरना, मुआवजे की मांग पर देर शाम बनी सहमति
Meerut News: किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने पोस्टमार्टम रोक दिया और शव के साथ कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए।
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Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के भावनपुर क्षेत्र में रविवार को बिजली टावर से गिरकर गंभीर रूप से घायल हुए किसान की उपचार के दौरान मौत हो जाने के बाद सोमवार को क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने पोस्टमार्टम रोक दिया और शव के साथ कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 42 वर्षीय किसान मनोहर, जो सिविल लाइन थाना क्षेत्र के नंगला बट्टू स्थित प्रगति नगर का निवासी था, रविवार को मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की भूमि पैमाइश कार्रवाई की सूचना पर गंगानगर क्षेत्र पहुंचा। आशंका व्यक्त करते हुए कि एमडीए उसकी भूमि पर भी कब्जा कर रहा है, वह मौके पर पहुंचा और विरोध स्वरूप एक बिजली टावर पर चढ़ गया। बाद में जब अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उसकी भूमि पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, वह नीचे उतरने लगा, लेकिन संतुलन बिगड़ने के कारण करीब 12 फीट की ऊंचाई से गिरकर घायल हो गया। देर रात उपचार के दौरान मेडिकल कॉलेज में उसकी मौत हो गई।
सोमवार सुबह मनोहर की मौत की सूचना मिलते ही भारतीय किसान यूनियन संघर्ष के पदाधिकारी मोर्चरी पहुंचे और पोस्टमार्टम प्रक्रिया रोक दी। दोपहर बाद शव को लेकर किसान नेता कलक्ट्रेट पहुंचे और धरना शुरू किया। मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने तथा एमडीए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
धरने की सूचना पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एडीएम सिटी, एसडीएम समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक मुआवजे की घोषणा नहीं होती, तब तक शव नहीं उठने दिया जाएगा।भारतीय किसान यूनियन के मेरठ जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि संबंधित भूमि को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है, बावजूद इसके एमडीए ने बिना सूचना के किसानों की भूमि में दखल दिया जिससे मनोहर आहत हुआ और उसकी जान चली गई।
भाकियू नेता के अनुसार कई घंटे चली वार्ता के बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया कि मृतक के परिवार को मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना तथा कन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत सहायता दी जाएगी। साथ ही मजिस्ट्रेटी जांच भी कराई जाएगी और दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने के बाद रात करीब आठ बजे धरना समाप्त कर दिया गया। मौके पर किसान नेता अनुराग चौधरी के साथ देशपाल हुड्डा, हर्ष चहल, मोनू टिकरी, सनी प्रधान समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।
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