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Meerut News: किसान की मौत पर सुलगा मेरठ, बोले टिकैत – पूंजीपतियों के लिए तानाशाह हो गया सिस्टम!
Meerut News: समिति में किसान मनोहर की मौत के बाद मेरठ की मिट्टी एक बार फिर आंदोलन की आहट सुन रही है। हाईकोर्ट के स्टे आदेश को धता बताते हुए मेडा अधिकारियों द्वारा की गई जमीन की नपाई ने एक किसान की जान ले ली।
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Meerut News: गंगानगर आवासीय समिति में किसान मनोहर की मौत के बाद मेरठ की मिट्टी एक बार फिर आंदोलन की आहट सुन रही है। हाईकोर्ट के स्टे आदेश को धता बताते हुए मेडा अधिकारियों द्वारा की गई जमीन की नपाई ने एक किसान की जान ले ली। और अब, इस ‘व्यवस्थागत हत्या’ पर भाकियू ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
“पूंजीवाद हावी है, सिस्टम पूंजीपतियों की जेब में है” — यह कहते हुए बुधवार को जब चौधरी राकेश टिकैत मृतक किसान के घर पहुंचे, तो वहां सिर्फ मातम नहीं, एक सुलगता हुआ गुस्सा था। तीन मासूम बेटियों की आंखों में बिछड़े पिता का दर्द साफ झलक रहा था, लेकिन उनके आंसुओं से ज़्यादा बोल रही थी टिकैत की आवाज़ — “अब कोई और मनोहर नहीं बनने देंगे!”
मृतक किसान मनोहर के परिवार से मिलकर जब टिकैत सीधे मंडलायुक्त ऋषिकेश भास्कर यशोद के ऑफिस पहुंचे, तो उनके साथ केवल किसान नहीं थे, बल्कि उनके साथ था हर उस खेत का दर्द जो बेआवाज़ लूटा गया।
मंडलायुक्त ने जांच के आदेश तो दिए, पर टिकैत का स्पष्ट कहना था — “ये सिर्फ जांच से नहीं सुलझेगा। जब न्यायपालिका के आदेशों को अधिकारी ताक पर रख दें और व्यापारियों के लिए कानून पलट दिए जाएं, तो किसान का हल नहीं, हक छीना जाता है।”
जांच कमेटी बनी — लेकिन चेतावनी भी दी गई। टिकैत बोले, “हरिद्वार चिंतन शिविर के बाद अगर न्याय नहीं मिला, तो पंचायत का बिगुल बजेगा। ये आग रुकेगी नहीं।”
जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह से मुलाकात के दौरान भी मांग की गई कि मृतक परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का तत्काल लाभ मिले, ताकि तीन अनाथ बच्चियों का भविष्य अंधेरे में न जाए।इस पूरे घटनाक्रम में चौधरी टिकैत के साथ भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, सनी प्रधान, बबलू सिसौला, हर्ष चहल, विपुल जोहल और दर्जनों किसान नेता मौजूद रहे।अब सवाल सिर्फ एक है — क्या जांच की फाइलें न्याय ला पाएंगी या फिर मनोहर की मौत भी व्यवस्था की भीड़ में गुम हो जाएगी?
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