Meerut News: इसमें भी धोखा, नादिर अली ब्रांड के नाम पर बिक रहे थे नकली म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स, आरोपी भेजा गया जेल

Meerut News: यह धोखाधड़ी तब उजागर हुई जब कंपनी के सेल्स मैनेजर को शक हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत थाना देहली गेट पुलिस से की।

Sushil Kumar
Published on: 16 April 2025 8:59 PM IST
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Meerut News (Image From Social Media)

Meerut News: संगीत प्रेमियों और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की दुनिया में प्रतिष्ठित नाम नादिर अली के नाम पर नकली वाद्य यंत्र तैयार कर बेचे जा रहे थे। यह धोखाधड़ी तब उजागर हुई जब कंपनी के सेल्स मैनेजर को शक हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत थाना देहली गेट पुलिस से की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने छापा मारते हुए आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया और बड़ी मात्रा में नकली वाद्य यंत्र बरामद किए।

कैसे हुआ खुलासा?

नादिर अली विंड इंस्ट्रूमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सेल्स मैनेजर प्रदीप जोशी (पुत्र स्व. केदार दत्त जोशी), निवासी 107 कोठी अतानस, थाना देहली गेट, मेरठ को सूचना मिली कि एक व्यक्ति उनकी कंपनी के नाम से नकली म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बेच रहा है। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना थाना पुलिस को दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 अप्रैल को नादिर अली बिल्डिंग स्थित एक दुकान पर छापा मारा।

दुकान से क्या-क्या मिला?

छापेमारी के दौरान आरोपी राहिल फरहत पुत्र फरहत मसूद, निवासी 13ए नादिर अली बिल्डिंग, थाना देहली गेट, मेरठ की दुकान से निम्न सामान बरामद किया गया:

  • ट्रम्पैट निकिल – 89 अदद
  • ट्रम्पैट पीतल पॉलिश – 10 अदद
  • ईफोनियम (बड़े) निकिल – 2 अदद
  • क्लेरिनेट – 3 अदद
  • क्लेरिनेट कप प्याला – 2 अदद
  • छोटे काले बैग (क्लेरिनेट के) – 3 अदद
  • बड़े काले बैग (क्लेरिनेट के) – 2 अदद
  • शाही ड्रम कवर 14 इंच – 1 अदद
  • नीले बैग (ट्रम्पैट के) – 13 अदद
  • ढोल 26 इंच – 2 अदद

कानूनी कार्रवाई:

उक्त बरामदगी के आधार पर थाना देहली गेट पर मु.अ.सं. 77/2025 पंजीकृत किया गया। इस केस में धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस व धारा 103/104 ट्रेड मार्क अधिनियम 1999 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी राहिल फरहत को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पुलिस टीम जिसने किया पर्दाफाश:

इस कार्रवाई में थाना देहली गेट की निम्न पुलिस टीम शामिल रही:

  • उप निरीक्षक सुरेशपाल सिंह
  • उप निरीक्षक आदेश कुमार
  • उप निरीक्षक (यूटी) खुर्शीद आलम
  • महिला उप निरीक्षक (यूटी) शिल्पी
  • हेड कांस्टेबल 1968 सुभाष चंद
  • हेड कांस्टेबल 1489 मयंक शर्मा
  • कांस्टेबल 3134 महेश कुमार

क्या कहते हैं अधिकारी?

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की ट्रेड मार्क धोखाधड़ी न केवल कंपनी की साख को नुकसान पहुंचाती है बल्कि आम उपभोक्ता भी ठगा जाता है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है, और यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी के तार कहीं अन्य जगहों से तो नहीं जुड़े हैं।

Ramkrishna Vajpei

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