Meerut News: इंडिया गठबंधन की 19 दिसंबर यानी कल दिल्ली में होने वाली बैठक पर राष्ट्रीय लोकदल नेताओं की नजर लगी है। रालोद नेताओं को लगता है कि इस बैठक में सीटों के बंटवारे पर काफी हद तक तस्वीर साफ हो जाएगी। राष्ट्रीय लोकदल प्रवक्ता आतिर रिजवी ने आज यहां कहा कि कल होने वाली बैठक जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा होनी है रालोद मुखिया जयंत चौधरी शामिल होंगे। राष्ट्रीय लोकदल प्रवक्ता आतिर रिजवी के अनुसार रालोद प्रवक्ता के अनुसार इस बारे में पार्टी मुखिया जयंत चौधरी पहले ही बोल चुके हैं कि इंडिया गठबंधन की आगामी बैठक में सीटों का मुद्दा पुरजोर तरीके से रखा जाएगा। उम्मीद है कि सभी घटक दल सीट बटंवारे को बखूबी अंजाम देंगे। रालोद प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी की यह कोशिश होनी चाहिए कि ये जो माहौल इस देश के अंदर बना हुआ है उससे 2024 में इस देश की जनता को छुटकारा मिले।रालोद प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में हमारी कांग्रेस से बहुत उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी बड़ा दल होने के नाते अपना बड़ा दिल दिखाएगी और क्षेत्रीय दलों को खासकर राष्ट्रीय लोकदल को उत्तर प्रदेश खासकर वेस्ट यूपी में मजबूत सीटें देगी। क्योंकि रालोद का जनाधार वेस्ट यूपी के साथ ही समूचे यूपी में है। हम लोग मजबूती के साथ चुनावी तैयारी में जुटे हैं। रालोद नेता प्रवक्ता ने यह भी कहा कि गठबंधन में शामिल जिस भी दल के हिस्से में जो सीट आएंगी उस पर हम सब इंडिया गठबंधन के साथी एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। गौरतलब है कि जयंत पिछले दिनों कांग्रेस को (विधानसभा) चुनावों से सबक सीखने की नसीहत भी दे चुके हैं। जयंत का कहना है कि कांग्रेस को भी सभी घटक दलों को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर बार-बार रालोद को लेकर गलत खबरें चलाई जा रही है जो कि पूरी तरह गलत है। हकीकत यही है कि रालोद गठबंधन के साथ है और गठबंधन के साथी के रूप में ही पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ेगी। किस दल के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी। यह निर्णय पार्टी सुप्रीमो स्तर से लिया जाएगा। राष्ट्रीय लोकदल प्रवक्ता आतिर रिजवी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के निर्देश पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जन कल्याणकारी नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए पार्टी की ओर से चौधरी चरण सिंह संदेश रथ यात्रा निकाली जा रही है, जिसको सभी जगह जनता का अपार समर्थन मिल रहा है। बता दें कि वर्ष 2024 के आम चुनाव में केवल कुछ ही महीने बचे होने और विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण विपक्षी गठबंधन के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन कर रही भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपने चुनावी विमर्श को फिर से खोजने के लिए बहुत कम समय है।