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Meerut News: “एक राष्ट्र, एक चुनाव” लोकतांत्रिक मजबूती की दिशा में निर्णायक कदम – विशेषज्ञों की राय

Meerut News: विशेषज्ञों और राजनीतिक पदाधिकारियों ने इसे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त करने वाला और संसाधनों की दृष्टि से दूरदर्शी कदम बताया।

Sushil Kumar
Published on: 13 May 2025 9:56 PM IST
Meerut News
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One Nation One Election Decisive Step Towards Strengthening Democracy (Social Media)

Meerut News: स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में मंगलवार को “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर आयोजित विचार संगोष्ठी में विशेषज्ञों और राजनीतिक पदाधिकारियों ने इसे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त करने वाला और संसाधनों की दृष्टि से दूरदर्शी कदम बताया।

सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा, भाजपा मेरठ महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल तथा संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। स्वागत भाषण लॉ कॉलेज के डीन डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने दिया।

राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक अनुशासन की ओर इशारा

अपने संबोधन में श्री विनीत अग्रवाल शारदा ने कहा कि एक साथ चुनाव न केवल लोकतंत्र को स्थिरता देंगे, बल्कि चुनावों पर होने वाले भारी खर्च को भी नियंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे प्रशासनिक अमले की ऊर्जा का बेहतर उपयोग संभव होगा और देश एक संगठित चुनाव प्रक्रिया की ओर अग्रसर होगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज भारत को ऐसा नेतृत्व प्राप्त है जो राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए नीति निर्धारण कर रहा है। श्री शारदा ने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्र निर्माण हेतु छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की।

नीतियों के क्रियान्वयन में आएगी निरंतरता

भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी ने कहा कि लगातार चुनावी प्रक्रियाओं के कारण विकास योजनाओं में अक्सर बाधाएं आती हैं। उन्होंने कहा कि यदि एक साथ चुनाव होते हैं, तो सरकार को नीतियों के स्थायी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी और जनहितकारी योजनाओं पर लंबी अवधि तक ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

शिक्षा और युवा भागीदारी को मिलेगा प्रोत्साहन

कुलपति मेजर जनरल डॉ. थपलियाल ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव न केवल प्रशासन और राजनीति तक सीमित रहेगा, बल्कि समाज, विशेषकर युवाओं और छात्रों में लोकतांत्रिक चेतना को भी मजबूत करेगा। उन्होंने “विकसित भारत 2047” लक्ष्य की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस दिशा में यह कदम अत्यंत प्रासंगिक है।

अस्थिरता में आएगी गिरावट, नीति-निर्माण को बल

सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने कहा कि यदि चुनाव एक साथ होते हैं तो बार-बार होने वाले राजनीतिक अस्थिरता के हालातों से बचा जा सकेगा। उन्होंने अमेरिका के चुनावी मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में भी दो या तीन प्रमुख पार्टियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की परंपरा स्थापित हो सकती है।

अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा शर्मा ने किया। समापन वंदेमातरम् के सामूहिक गायन से हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

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Ragini Sinha

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