Mirzapur News: मिर्जापुर में मौसम का मिजाज बदलने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। घने कोहरे और बादलों में भगवान भास्कर के छिपने से जिले का तापमान लुढ़ककर न्यूनतम 11 और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस पर जाकर ठहर गया है। सुबह से ही धरती ने कोहरे की चादर ओढ रखी हैं। ऐसे में सड़क पर वाहनों के साथ ही ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। जिले में 7 रैन बसेरा के साथ ही 300 स्थानों पर अलाव जलवाया गया है। इसके साथ ही करीब 6,337 कंबल का वितरण जरूरत मंद लोगों के बीच किया गया है।सात रैन बसेरों में लोग ले रहे हैं शरणउत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में घने कोहरे के चलते दृश्यता महज कुछ फीट रह गई हैं। जिसके चलते वाहनों के पहियों पर ब्रेक लग गया है। सड़क पर बेतहासा दौड़ने वाले वाहन हादसों से बचने के लिए थम कर चल रहे हैं। ठंड की शुरुआत होते ही अब तक कम कपड़ो में घूमने वालों ने ऊनी कपड़ो को पहनकर ढंड से बचने करने में लग गए हैं। सड़क पर निकले गरीबों के लिए अलाव ही सहारा हैं। जिसके लिए नगर पालिका और तहसीलों को अलाव जलवाने की जिम्मेदारी दी गई है। जिले में ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हैं। अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि जिले में 300 जगह पर अलाव जलवाया गया है। इसके अलावा 6,337 लोगों को कंबल का वितरण जरूरत मंद लोगों के बीच किया गया। जिलाधिकारी ने संचालित 7 रैन बसेरों का गत दिनों रात्रि में निरीक्षण किया था। जिला प्रशासन के अधिकारी रात के गस्त कर निरीक्षण और जरूरत मंद लोगो की सेवा में जुटे हैं। किसानों ने बताया कि दिसम्बर एवं जनवरी मे ठंड पड़ना भी आवश्कता है। कोहरा ज्यादा दिन तक बने रहने पर किसानों को नुकसान होगा। कोहरा सरसों, आलू, मटर, अरहर, मसूर की खेती को नुकसान दायक है। फसल बर्बाद होने की आशंका मात्र से किसान चिंतित है। किसानों के साथ ही गरीबों को लिए कोहरा दुर्भाग्य पूर्ण साबित होता है । नगर में सड़क पर निकलने वाले गरीबों ने और अलाव जलवाने की मांग की हैं।