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राष्ट्रपति से मां-बेटी ने खून से पत्र लिख मांगी इच्छा मृत्यु

Gagan D Mishra
Published on: 14 Sept 2017 6:28 PM IST
राष्ट्रपति से मां-बेटी ने खून से पत्र लिख मांगी इच्छा मृत्यु
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राष्ट्रपति कोविंद से मां-बेटी ने खून से पत्र लिख मांगी इच्छा मृत्यु

कानपुर: बीते 15 साल से मस्कुलर डिस्ट्राफी घातक बीमारी से ग्रषित माँ-बेटी ने खून से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर इच्छा म्रत्यु की मांग की है l माँ बेटी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा कि हम लोगो का इलाज कराया जाये या फिर इच्छा म्रत्यु दी जाये l इससे पहले दिव्यांग मां-बेटी ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की बीमारी के चलते पीएम को कई बार पत्र भेज इच्छा मृत्यु की गुहार लगा चुकीं है l

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कानपुर के यशोदा नगर निवासी शशि मिश्र के पति की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। शशि मस्कुलर डिस्ट्राफी नाम की बीमारी से पीड़ित हैं जिसकी वजह से चलने फिरने में असमर्थ हैं। छह साल पहले इकलौती बेटी अनामिका (33) भी इसी बीमारी की चपेट में आकर लाचार हो गई। शशि के मुताबिक बेटी के इलाज में घर में रखी जमापूंजी भी खत्म हो गई l रिश्तेदारों ने मदद की लेकिन बाद में उन्होनें भी किनारा कर लिया।

दोनों की स्थिति यह है कि बिस्तर से उठना भी मुश्किल हो गया है। मौजूदा समय में परिवार के रिश्तेदारों ने भी कन्नी काट ली है। मां-बेटी मोहल्ले के लोगों के रहमो-करम पर जीने का मजबूर हैं।

अनामिका ने बताया कि मेरे पिता एक बिजनेस मैन थे l मेरी माँ की अचानक साल 1985 में तबियत ख़राब हुई थी l तब हमें पता चला था कि इनको मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी है l जब तक पिता जी थे उन्होंने इलाज कराया l उनके निधन के बाद घर की जमा पूंजी और जमीन बेच कर हम इलाज कराते रहे l मैंने स्कूल में पढाया और कोचिंग पढ़कर माँ का इलाज कराया और घर के खर्चे चलाये l लेकिन अब इस बीमारी ने मुझे भी अपनी चपेट में ले लिया चार साल से मै भी बिस्तर पड़ी हूँ l

राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र

अनामिका ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर आ रहे है l मै और मेरी बीते कई साल से मस्कुलर डिस्ट्राफी से ग्रषित है l हमने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति से कहा कि मै अनामिका मिश्रा और मेरी माँ शशि मिश्रा मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित है l हम दोनों चलने फिरने में लाचार है हमारा समुचित इलाज कराने की कृपा करे या इच्छा म्रत्यु प्रदान करने की कृपा करे l यह बीमारी इतनी घातक है कि आप की बॉडी इसमें धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है l आप अपने निजी काम भी इस बीमारी में नही कर सकते है

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प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से लगा चुकी है गुहार

पीड़ित बेटी ने बताया, जब मै बिलकुल असहाय हो गई तो उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेटर भेज मदद मांगी l जब उनका कोई जवाब नही आया तो मैं रिमाइंडर भेजती रही l तब उनका एक जवाब आया कि मैंने यूपी गवर्मेंट को मदद के लिए कहा है l तब मुझे 50 हजार की मदद मिली l लेकिन मुझे फानेशियल मदद नही चाहिए, मुझे एक नौकरी की जरूरत है जिसके सहारे में अपना और अपनी की मदद कर सकूँ l आर्थिक मदद से कोई कितने दिनों तक जीवन यापन कर सकता है l



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Gagan D Mishra

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