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आशिक मिजाज रहा है अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम, ट्रेन में की थी शादी
मुम्बई में 12 मार्च 1993 में हुए सिलसिलेवार विस्फोट मामले में आजीवन कैद की सजा पाने वाला अबू सलेम शुरू से ही आशिक मिजाज का रहा । पुतर्गाल से
लखनऊ: मुम्बई में 12 मार्च 1993 में हुए सिलसिलेवार विस्फोट मामले में आजीवन कैद की सजा पाने वाला अबू सलेम शुरू से ही आशिक मिजाज का रहा। पुतर्गाल से प्रत्यर्पण पर 12 साल पहले लाए जाने के बाद से ही वो जेल में बंद है ।
नवी मुंबई की तलुजा जेल में आने के बाद सलेम का एक और लड़की से नाम जुड़ा।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि सलेम ने 2014 में सुनवाई के लिए ट्रेन से लखनऊ जाने के दौरान एक लड़की से निकाह किया। सलेम ने फोन पर थाणे की सैय्यद बहार कौसर से निकाह किया। बाद में कुछ फोटो भी सामने आईं, जिनमें सलेम के सुनवाई के लिए दिल्ली या लखनऊ जाने के दौरान कौसर उसके साथ ट्रेन में दिखी। हालांकि इन खबरों को कौसर ने झूठ करार दिया था लेकिन बाद में वो निकाह के लिए राजी हो गई।
कौसर ने 2015 में मुंबई की टाडा कोर्ट में एक अपील दायर करते हुए सलेम से निकाह के लिए अनुमति देने की मांग की थी। तब कौसर ने कहा था कि सलेम से निकाह की खबरों के आने के बाद, उसके पास निकाह के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
बेहतर जिंदगी की ख्वाहिश हर शख्स को होती है। आजमगढ़ के सराय मीर से निकलते वक्त अबू सलेम की भी यही ख्वाहिश थी। मगर ख्वाहिशों के लिए उसने जो रास्ता चुना, उसपर चलते हुए वह अंडरवर्ल्ड का डॉन बन गया। अब तक की जिंदगी में उसने वो सारे अपराध किए, जो उसे पत्थर दिल ठहराने के लिए काफी थे। लेकिन उसकी जिंदगी के कुछ वाकये ऐसे भी सामने आए, जो उसे बड़ा आशिकमिजाज ठहराती हैं।
अबू ने 1989 में दाऊद इब्राहिम के गैंग के लिए काम करना शुरू किया। तब गैंग में उसकी हैसियत ड्राइवर की थी, लेकिन अपने काम से वह गैंग में खास मुकाम पा गया। इस बीच 1991 में उसने जोगेश्वरी (मुंबई का उपनगर) की एक लड़की समायरा जुमानी से शादी की। तब समायरा 17 साल की थी। इस रिश्ते से सलेम दो बेटों का पिता बना। मगर इस रिश्ते का असली सच क्या था, यह किसी को पता नहीं चला। क्योंकि 2002 में लिस्बन (पुर्तगाल) से सलेम की गिरफ्तारी के बाद, एक इंटरव्यू में समायरा ने कहा था कि उसे शादी के लिए मजबूर किया गया था। उसने तब सलेम को बेरहम मनोरोगी भी कहा था।
बॉलीवुड अभिनेत्री मोनिका बेदी और सलेम का रिश्ता काफी चर्चित हुआ था। 1998 में फोन पर बातचीत से शुरू हुआ ये रिश्ता जल्द ही इतना मजबूत हो गया कि दोनों ने साथ रहने का फैसला कर लिया। लेकिन दोनों ने शादी नहीं की। यह बात मोनिका ने अपने कई इंटरव्यू में भी दोहराई। मोनिका की मानें तो जब उसने सलेम से बातें करनी शुरू कीं और उससे कुछ बार मिलीं, तो उन्हें सलेम की हकीकत के बारे में कुछ भी पता नहीं था।
सलेम ने हमेशा मोनिका के सामने खुद को अच्छे व्यक्ति के रूप में पेश किया। लेकिन जब दोनों दुबई में साथ रहने लगे, तब मोनिका को अहसास हुआ कि वह उसके साथ नहीं रह सकतीं। यह रिश्ता दोनों की लिस्बन में गिरफ्तारी के साथ खत्म हुआ।
मोनिका बेशक दावा करें कि वह सलेम की हकीकत से बेखबर थीं, लेकिन एस हुसैन जैदी की किताब (माई नेम इज अबू सलेम) में ऐसे कई जिक्र हैं, जो बताते हैं कि सलेम के प्रभाव से मोनिका को बॉलीवुड में कई फिल्में हासिल हुईं।
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