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मुन्ना बजरंगी मर्डर: डॉन की याचिका खारिज, इस वजह से नहीं रहा पिटीशन का मतलब

sudhanshu
Published on: 11 July 2018 7:18 PM IST
मुन्ना बजरंगी मर्डर: डॉन की याचिका खारिज, इस वजह से नहीं रहा पिटीशन का मतलब
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इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने बुधवार को डॉन मुन्ना बजरंगी की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सीबीआई जांच की मांग तकनीकी आधार पर ठुकरा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से परिजनों को डिवीजन बेंच में याचिका दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने केस को डिवीजन बेंच में ट्रांसफर करने की मांग भी ठुकरा दी और कहा कि याचिका नये सिरे से दाखिल की जाए।

16 मई को दाखिल हुई थी याचिका

कोर्ट का कहना है कि एकलपीठ को सीबीआई जांच का आदेश देने का अधिकार नही है। माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी ने 16 मई को सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। डॉन ने कहा था कि उसे जान का खतरा है। लेकिन नौ जुलाई को बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद उनकी अधिवक्ता स्वाति अग्रवाल ने एकलपीठ से हत्या की सीबीआई से जाँच कराने की मांग की थी। हत्या के बाद पीड़ित परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गयी थी। जस्टिस एसडी सिंह की ने याचिका खारिज कर दी।

वकील स्वाति अग्रवाल ने दावा किया है कि मुन्ना बजरंगी की पत्नी व भाई की तरफ से सोमवार तक वह उक्त सभी माँगो को लेकर एक नयी याचिका दायर करेंगी।

कोर्ट की अन्‍य खबरें

उन्नाव रेप केस: एमएलए कुलदीप सिंह सेगर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

लखनऊ: राजनीतिक रूप से सनसनीखेज उन्नाव रेप केस में सीबीआई ने बुधवार को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर एवं उनकी सहयोगी शशि सिंह के खिलाफ अपना आरोप पत्र सीबीआई जज वत्सल श्रीवास्तव की अदालत में दाखिल कर दिया। सीबीआई विवेचक अपरान्ह अदालत में आरोप पत्र एवं केस डायरी के साथ पहुंचे और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। गौरतलब है कि सेंगर को बीते 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उनकी न्यायिक हिरासत में 90 दिन की अवधि पूरी होने ही वाली है।

उन्नाव का यह केस सुर्खियों में तब आया जब नाबालिग पीड़िता ने अप्रैल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्महत्या करने का प्रयास किया। पीड़िता का आरोप था कि उसके साथ उन्नाव के बांगरमऊ विधानसभा से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 4 जून 2017 के बलात्कार किया और तब उनकी सहयेगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा दे रही थीं। उसने घटना की जानकारी संबधित पुलिस थाने पर कई बार दी, परंतु विधायक के रसूख के आगे कोई कार्यवाही नहीं की गयी। मामला सुर्खियों में आने के बाद केस में प्राथमिकी दर्ज की गयी। परंतु सेंगर पर सरकार की नरमी की खबरें आने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 अप्रैल को स्वयं संज्ञान ले लिया और उसकी सख्ती के बाद सेंगर को 13 अप्रैल को उनके इंदिरा नगर आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में शशि सिंह को भी गिरफतार कर लिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से केस की विवेचना सीबीआई कर रही थी। पीड़िता ने न केवल सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पुलिस को दिये अपने बयान में विधायक पर रेप का आरेप लगाया है अपितु धारा 164 के तहत दर्ज कलम बंद बयान में भी उसने वही बात दोहरायी है। शशि सिंह के खिलाफ भी उसने आरोप लगाये हैं।

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