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खबर का असर: नौकरी रेलवे की, काम अफसर के घर का, सैलरी पूरी...बढ़िया है!

Rishi
Published on: 23 Jan 2018 11:15 AM IST
खबर का असर: नौकरी रेलवे की, काम अफसर के घर का, सैलरी पूरी...बढ़िया है!
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अमित यादव

लखनऊ : newstrack.com की खबर का असर हुआ है। 22 जनवरी को समाचार पोर्टल पर लगी 'नौकरी रेलवे की...' खबर ने भारतीय रेलवे महकमों में हड़कंप मचा दिया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के निर्देश पर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सतीश कुमार ने जांच कमेटी का गठन। जांच कमेटी के सदस्य अमेठी जिले के निहालगढ़ से वायरल वीडियो का सच निकालेंगे। वीडियो की पूरी बातें सामने आने के बाद संबंधित रेलवे अफसर पर कार्रवाई होना तय है।

दरअसल, भारतीय रेलवे के अफसर ट्रैक व ट्रॉली मैनों से अपने निजी काम करवाने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। ताजा मामला अमेठी जिले के निहालगढ़ का है। एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति किसी के घर में बर्तनों को साफ कर रहा है। पड़ताल करने पर जानकारी मिली की ये घर छन्दरौली पीडब्लूआई सुनील शर्मा का है।

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ये है पूरा मामला

ट्रैक मैन एसोसिएशन के प्रवक्ता विश्वनाथ यादव के मुताबिक, यह वीडियो यूपी के निहालगढ़ सेक्सन के अंतर्गत छन्दरौली पीडब्लूआई सुनिल शर्मा के बंगले का है। जिसमें बर्तन धो रहा कर्मचारी लल्लू प्रसाद है, जो कि एक ट्रैकमैन है। यह गैंग ट्रैकमैन नंबर 37 में कार्यरत है। लेकिन एसएसई एसके मिश्रा के दबाव के कारण पीडब्लूआई सुनिल शर्मा के बंगले पर कार्य कर रहा है। लल्लू प्रसाद नाम का यह ट्रैक अधिकांश बंगले में कार्य करता है। कभी भी अपने असल काम पटरी की मरम्मत व देखरेख के लिए नहीं जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पटरी पर काम करने वाले ट्रैकमैनों को मिलने वाला 20 दिन का टीए भी लल्लू प्रसाद को मिलता है।

पेड़ बेचने का आरोप

ट्रैकमैन एसोसिएशन के प्रवक्ता विश्वनाथ यादव ने बताया कि वीडियो में जो पेड़ कटा हुआ दिख रहा है। उसे एसएसई एसके मिश्रा ने कटवाया है। विश्वनाथ ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी उन्होंने 5 पेड़ों को कटवा कर बेच चुके हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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