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नीतीश ने फिर की शराबबंदी की मांग, कमाई की भरपाई का बताया विकल्प

Newstrack
Published on: 26 July 2016 9:56 AM GMT
नीतीश ने फिर की शराबबंदी की मांग, कमाई की भरपाई का बताया विकल्प
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लखनऊ: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यूपी सीएम अखिलेश यादव से प्रदेश में शराबबंदी लागू करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनके हिसाब से यदि यूपी में पैदा होने वाले गन्ने के रस से एथेनाल बनाने का काम शुरू हो तो इससे 3.5 हजार करोड़ रूपये बचेगा जो यूपी की जरूरतों को पूरा करने के बाद बाहर की जरूरतों को भी पूरा करेगा। इससे लोगों का पहनावा, ओढ़ावा और खान-पान बेहतर होगा।

उन्होंने कहा कि पहले बिहार में करोड़ों रुपए शराब में खर्च होते थे। पर इस पर बैन लगने के बाद बिहार का वातावरण बदला है। जब लोग शराब नहीं पिएंगे तो यह पैसा अच्छे काम में लगेगा और यूपी की अर्थवस्था अच्छी होगी। हमने बिहार में शराबबंदी पर रोक लगाकर दिखा दिया।

शराबबंदी लागू कर गांधी जी को दी श्रद्धांजलि

नीतिश कुमार ने कहा कि वर्ष 1917 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह छेड़ा था। इसके अब 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसी को देखते हुए बिहार में शराबबंदी लागू कर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

-यूपी में 25 हजार करोड़ का शराब बिकता है।

-जब लोग शराब नहीं पीएंगे तो यह अच्छे काम में लगेगा।

-इससे राजस्व का कोई मतलब नहीं। शराब पीना भी कोई मौलिक या नैतिक अधिकार नहीं।

-इससे यूपी की अर्थव्यवस्था और अच्छी होगी।

-जब हम लोगों के सामूहिक स्वास्थ्य की चिंता करेंगे तभी बाबा साहब के सपनों को पूरा करेंगे।

-फैक्ट्रियों के लग जाने से विकास नहीं होता। जब तक मानव का विकास न हो सब बेमानी है।

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''महिला आरक्षण कार्ड'' से लोगों को रिझाया

नीतिश ने बिहार में अपने कामों का जिक्र करते हुए श्रोताओं को महिला आरक्षण के मुददे पर रिझाने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि आज ही छत्रपति शाहू जी महाराज का जन्मदिन है और उन्होंने महाराष्ट्र में आज के ही दिन पहली बार आरक्षण लागू किया था।

-बहुजन समाज को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था।

-पूरे देश में आरक्षण की जो शुरुआत हुई है। उसकी प्रेरणा वहीं से मिली।

-अभी सब कुछ नहीं प्राप्त हुआ है। यही संघर्ष है और यह चलता रहेगा।

-बिहार की जनता ने 2007 में मौका दिया तो मैंने कहा कि महिलाओं की आबादी आधी है।

-उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए और दिया।

-बिहार में तीन बार पंचायत और दो बार नगर निकाय के चुनाव हो गए।

-आरक्षण 50 प्रतिशत है पर महिलाएं इससे ज्यादा जीतकर आई हैं।

-बिहार में सभी वर्ग के लोगों को आरक्षण दिया।

सपा और बसपा पर भी प्रहार

नीतीश ने सपा पर प्रहार करते हुए कहा कि आजकल आजकल लखनऊ में बैठे लोग भी लोहिया जी का नाम लेते हैं। उनके कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गई थी। पर इस धरती पर सबका अधिकार है। हम लोगों का भी अधिकार है। मायावती पर प्रहार करते हुए नीतीश ने कहा कि सिर्फ बहुजन समाज कहने से नहीं होता। उसकी पीड़ा समझना चाहिए। यदि आप इन चीजों को समझ नहीं पाते हैं तो आप कामयाब नहीं होंगे।

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नीतीश ने यह भी कहा

-जो पढेगा तभी बहुत सारी चीजों को जान पाएगा तभी समझ पाएगा और प्राप्त करने की कोशिश करेगा।

-ऐसी कोई जगह नहीं जहां व्यक्ति नहीं पहुंच सकता। इसके लिए शिक्षा और संकल्प चाहिए।

-बिहार में राज्य सरकार की सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान लागू किया।

-दलित समाज में जो महादलित हैं उनको चिन्हित कर विशेष योजनाएं चलाई।

-सामान्य वर्ग के गरीब परिवार के लोगों के लिए योजनाएं चलाईं।

-बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों के लग जाने से विकास नहीं होता।

-हम सिर्फ विकास की नहीं न्याय के साथ विकास की बात करते हैं।

-पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़े वर्ग के लोगों को 20 प्रतिशत का आरक्षण दिया।

-बिहार में एससी के आबादी के अनुसार उनका स्थान आरक्षित है।

शर्तों पर मिली रैली की अनुमति

महाराजा बिजली पासी के किला के मैदान में रैली पर संशय के बादल मंडराने लगे थे। जिला प्रशासन ने यहां रैली की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन बाद में शर्तों के आधार पर मंजूरी दे दी थी। प्रशासन ने आयोजकों से लिखित में लिया कि यदि भीड़ अधिक बढ़ती है तो सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।

क्या है विवाद

जिला प्रशासन ने रैली का स्थान स्मृति उपवन कर दिया था। लेकिन कम समय होने का हवाला देकर चौधरी बीएस-4 की रैली महाराजा बिजली पासी के किला के मैदान में करने पर अड़े रहे। बीएस-4 के अध्यक्ष आरके चौधरी के मुताबिक सोमवार रात 11 बजे उन्हें सूचना दी गई की रैली को कहीं और शिफ्ट किया जाए। चौधरी ने सरकार और प्रशासन पर जानबूझकर रैली को रद्द करने की साजिश का आरोप लगाया।

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