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अनोखा फरमान: निकाह में बजा DJ तो काजी नहीं पढ़वाएंगे निकाह

जिले के उलेमाओं ने शादी-ब्याह में बजने वाले डीजे और डांस को लेकर अब तक का सबसे अनोखा फरमान जारी किया है। उलेमाओं ने खुले शब्दों में कहा है कि जिस

tiwarishalini
Published on: 18 Oct 2017 5:10 PM IST
अनोखा फरमान: निकाह में बजा DJ तो काजी नहीं पढ़वाएंगे निकाह
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सुलतानपुर: जिले के उलेमाओं ने शादी-ब्याह में बजने वाले डीजे और डांस को लेकर अब तक का सबसे अनोखा फरमान जारी किया है। उलेमाओं ने खुले शब्दों में कहा है कि जिस शादी में डीजे बजेगा वो वहां निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही इस तरह की शादियों में शरीक होंगे। उलेमाओं ने ये पहल तेज़ आवाज डीजे से होने वाले शोर-शराबे को रोकने के लिए उठाया है।

ध्वनि प्रदूषण पर कंट्रोल के लिए उठाया ये कदम

- ये एक्शन उलेमाओं की एक कमेटी ने लिया है।

- उलेमाओं का मानना है कि इस नई पहल से मुस्लिम समाज में फैल रही बुराइयों पर लगाम लगेगी और ध्वनि प्रदूषण पर भी कंट्रोल होगा।

- तेज आवाज वाले ये डीजे अब आम आदमी के लिए ढेर सारी परेशानी का सबब बन रहे हैं और इससे बीमारियां भी पैदा हो रही हैं।

- पिछले कुछ सालों से मुस्लिम समाज की शादियों में डीजे का चलन तेज़ी से बढ़ा था, जिसे देखकर उलेमाओं ने समाज में फैली इस बुराई को ख़त्म करने के लिए निकाह न पढ़ाने का एक्शन लिया है।

काजी बोले, 'मजहब में गाने-बजाने और नाचने का रिवाज नहीं'

- इस बारे में काजी और जामा मस्जिद के इमाम मौलाना लतीफ का कहना है कि निकाह एक इबादत है और पैग़म्बर की सुन्नत है।

- जब गाना बजता है तो इसकी बरकतें खत्म हो जाती हैं।

- उन्होंने कहा कि डीजे बजाने से दूसरों को परेशानी भी होती है और इस्लाम में दूसरों को परेशान करना गुनाह है। मजहब में गाने बजाने और नाचने का कोई रिवाज नहीं है। लेकिन न जाने किसकी देखा देखी यह चलन शुरू हो गया।

- लिहाजा उलेमाओं की कमेटी ने फैसला किया है कि ऐसे प्रोग्रामों में शामिल नहीं होंगे।



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