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नोएडा प्राधिकरण सख्त, शुभकामना बिल्डर से 78 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी
नोएडा: प्राधिकरण अपनी आर्थिक स्थति को मजबूत करने का मन बना चुका है। इसके लिए बिल्डरों पर बकाया हजारों करोड़ रुपए की रकम वापस लेने के लिए प्रशासन से संपर्क में है। पहली कार्यवाही सोमवार को शुभकामना बिल्डटेक प्रा. लि. के खिलाफ की गई। बिल्डर पर प्रधिकरण का करीब 78 करोड़ 23 लाख 88 हजार 314 रुपए बकाया है। यह रकम वापस लेने के लिए प्राधिकरण ने प्रशासन को बिल्डर आरसी काटने व रकम वसूलने के लिए पत्र लिखा है। ऐसे में शुभकामना बिल्डर पर जल्द बड़ी कार्यवाही हो सकती है।
डिफाल्टर लिस्ट में आ गया था बिल्डर
प्राधिकरण ने बिल्डर को सेक्टर-137 स्थित जीएच-5 बी प्लाट आवंटित किया था। उस दौरान बिल्डर ने कुल प्लाट की रकम का 10 प्रतिशत प्राधिकरण के खाते में जमा कर शेष राशि किस्तों में जमा करनी थी। कुछ किस्तें जमा करने के बाद बिल्डर किस्ते नहीं जमा की। ऐसे में बिल्डर पर प्राधिकरण का 67 करोड़ 13 लाख 31 हजार 352 रुपए का बकाया हो गया। उक्त राशि को जमा करने के प्राधिकरण ने बिल्डर को नोटिस जारी कर 30 जून 2018 तक का समय दिया गया। इस दौरान ब्याज के साथ कुल धनराशि 78 करोड़ 23 लाख 88 हजार 314 रुपए हो चुकी थी। यह रकम अब तक बिल्डर ने प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं की। लिहाजा अब प्राधिकरण ने प्रशासन को पत्र लिख भू-राजस्व के माध्यम से वसूली करने के लिए कहा है। इसके साथ ही धनराशि को नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट के जरिए कार्यालय में भिजवाने के लिए कहा है। यदि ऐसा होता है तो प्राधिकरण को काफी फायदा होगा। साथ ही अन्य बिल्डरों से भी इसी तरह रकम वसूल की जाएगी।
प्राधिकरण पर हजारों करोड़ रुपए बकाया
शहर में गगनचुंबी इमारतों के लिए प्राधिकरण ने बिल्डरों को प्लाट आवंटित किए। लेकिन बिल्डरों ने प्राधिकरण को प्लाट आवंटन का पैसा देना मुनासिब नहीं समझा। कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी बिल्डरों ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही पैसे जमा किए। ऐसे में प्राधिकरण पर करीब 24 हजार करोड़ रुपए का बकाया हो चुका है। इस रकम की रिवकरी के लिए प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है। इसमे शहर के नामी गिनामी बिल्डर शामिल है। वर्तमान में अकेले आम्रपाली पर ही नोएडा प्राधिकरण का करीब 1200 करोड़ व यूनिटेक का 600 करोड़ रुपए बकाया है। यही नहीं प्राधिकरण पहले ही बिल्डरों की डिफाल्टर सूची जारी कर चुका है। जिसमे 94 परियोजनाओं से संबंधित बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया था। इन सभी बिल्डरों पर प्राधिकरण का बकाया है। जिसे वसूलने के लिए अब आरसी का सहारा लिया जा रहा है।