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Lucknow: रेलवे का 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते', जनवरी 2022 से मई तक 83 बच्चों को बचाया

Lucknow: रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के अथक प्रयास से ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ लोगों के चेहरे पर खुशियां लौटा रही है। आरपीएफ ने जनवरी 2022 से मई 2022 तक कुल 83 बच्चों को खोचकर उनके परिजनों को सौंपा है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 29 Jun 2022 1:47 PM GMT
Lucknow News In Hindi
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रेलवे सुरक्षा बल द्वारा खोज गए बच्चे। 

Lucknow: भारतीय रेल (Indian Rail) की सुरक्षा के लिए तैनात रहने वाले रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) के जवानों के अथक प्रयास से 'ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते' लोगों के चेहरे पर खुशियां लौटा रही है। जो मासूम किसी कारणवश अपनों से बिछड़ गए हैं, रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) के जवान उन्हें खोजकर उनके अपनों से मिलवा रहे हैं। आरपीएफ (RPF) के जवाब रेलवे स्टेशनों या उसके परिसर में खोये हुए बच्चों को ढूंढकर उनको सकुशल उनके परिजनों को सौंपने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। इस साल आरपीएफ (RPF) से जनवरी 2022 से मई 2022 तक कुल 83 बच्चों को खोचकर उनके परिजनों को सौंपा है।

रेल सुरक्षा बल के द्वारा कड़ाई से काम करते हुए मानवीय पहलुओं का रखा जाता पूरा ध्यान

भारतीय रेल (Indian Rail) के सुरक्षा प्रहरी के रूप में कार्यरत रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) के समर्पण को तीन शब्दों- सुरक्षा, सतर्कता, सेवा के रूप में बताया जा सकता है। रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) रेल संपत्ति, यात्रियों और उससे संबंधित मामलों की सुरक्षा के दायित्व का निर्वहन करती है। उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल (Northern Railway Lucknow Division) में रेल सुरक्षा बल (Rail Protection Force) के द्वारा कड़ाई से काम करते हुए मानवीय पहलुओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। वर्तमान वर्ष 2022 में रेल सुरक्षा बल (Rail Protection Force) की उपलब्धियों के अंतर्गत अपने दायित्वों के निर्वहन के क्रम में जरूरतमंद यात्रियों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाली महिलाओं और बच्चों का बचाव का कार्य भी भली-भांति किया गया है।


इस वर्ष 2022 में इतने बच्चों को किया परिवार के सुपुर्द

मेन इन यूनिफॉर्म होने के नाते रेल सुरक्षा बल (Rail Protection Force) कर्मी अन्य लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हैं। बता दें कि इस वर्ष 2022 के दौरान जनवरी से मई तक मंडल के विभिन्न स्टेशनों एवं गाड़ियों में लावारिस अवस्था में मिले 83 बच्चों जिसमें 40 लड़के और 43 लड़की, तीन लड़कियों और 6 लड़कों को अपने परिवार से मिलवाया। इसके साथ ही 73 बच्चों को चाइल्ड लाइन और एक को राजकीय रेलवे पुलिस को सुरक्षित रूप से सुपुर्द किया गया।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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