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Meerut: नौचंदी मेले के आयोजन को लेकर जताई जा रही पूरी संभावना, प्रशासन की तरफ से नहीं आया कोई बयान

Meerut News: उत्तर भारत का ऐतिहासिक नौचंदी मेला इस साल लगेगा। ऐसी पूरी संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी तक नौचंदी मेले के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन, जिला पंचायत मेले की तैयारियों में जुट गई है।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Deepak Kumar
Published on: 24 Feb 2022 10:52 PM IST
Nauchandi fair in meerut
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नौचंदी मेला। (Social Media) 

Meerut News: उत्तर भारत का ऐतिहासिक नौचंदी मेला (Nauchandi Fair) इस साल लगेगा। ऐसी पूरी संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी तक नौचंदी मेले (Nauchandi Fair) के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन, जिला पंचायत मेले की तैयारियों में जुट गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी (District Panchayat President Gaurav Chaudhary) की माने तो इस बार नौचंदी मेले (Nauchandi Fair)का आयोजन हो सकता है। इसलिए जिला पंचायत की तरफ से तैयारियां शुरु की गई हैं। उन्होंने आज कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो इस बार नौचंदी मेले (Nauchandi Fair)का आयोजन भव्य और ऐतिहासिक तरीके से कराया जाएगा।

नगर निगम और जिला पंचायत बारी-बारी कराती हैं नौचंदी मेला

यहां बता दें कि नौचंदी मेले (Nauchandi Fair) का आयोजन एक बार नगर निगम और एक बार जिला पंचायत बारी-बारी कराती हैं। इस बार जिला पंचायत की बारी है। पिछले साल मेला आयोजन का जिम्मा नगर निगम के जिम्मे था, लेकिन कोरोना के चलते मेला नहीं लगा। मालूम हो कि चंडी देवी और बाले मियां की चौखट पर लगने वाला नौचंदी मेला सद्भाव व भाईचारे का प्रतीक है। इस बार 17 मार्च को होली है। इसके बाद दूसरा रविवार 26 मार्च को पड़ेगा। इसी दिन मेला शुरू होगा।

कोरोना में नहीं आयोजित किया जा सका नौचंदी मेला

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के कारण नौचंदी मेला (Nauchandi Fair) आयोजित नहीं किया जा सका था। क्योंकि उस समय कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ रहे थे। लेकिन, कोरोना की तीसरी फिलहाल अंत की तरफ है। कोरोना संक्रमण के मामले जिस तरह तेजी से कम हो रहे हैं उससे लगता यही है कि जल्दी ही कोरोना की बिदाई हो जाएगी। ऐसे में नौचंदी मेले के चाहने वालों मंदिर के पुजारी और दुकानदारों को इस बार मेला आयोजन की पूरी संभावना दिख रही है। बता दें कि पिछली बार स्थानीय लोंगो ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार भी लगाई थी कि जब कोरोनाकाल में हरिद्वार में कुम्भ मेला लग सकता है तो विश्व प्रसिद्ध नौचंदी मेला (Nauchandi Fair) क्यों नहीं लग सकता।

1672 में नवचंडी मेला के नाम से नौंचंदी मेले की हुई शुरुआत

मेरठ का ऐतिहासिक नौचंदी मेला (Nauchandi Fair) हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी कहा जाता है। नौंचंदी मेले (Nauchandi Fair) की शुरुआत 1672 में नवचंडी मेला के नाम से हुई थी। जो बाद में नौचंदी (Nauchandi Fair) के नाम से जाना गया। तब हर साल नवरात्र के नौवें दिन यहां मेला भरना शुरू हुआ था। वर्ष 2020 में पहली बार कोरोना संक्रमण के कारण 348 साल पुरानी यह परंपरा टूट गई थी। इसके अगले साल यानी 2021 में कोरोना संक्रमण की रफ्तार के कारण इस ऐतिहासिक मेले पर कोरोना का ग्रहण लग गया था। नौचण्डी देवी मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा का कहना है कि इस बार हमें उम्मीद ही नही पूरा विश्वास है कि इस माह के अंत तक कोरोना का खात्मा हो जाएगा। ऐसे में नौचंदी मेला इस साल जरुर लगेगा।

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Deepak Kumar

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