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Pilibhit News: सपा कार्यालय खाली कराए जाने को लेकर चस्पा किया गया नोटिस, बीजेपी सपा में छिड़ी जंग
Pilibhit News: समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि सत्ता के राजनीतिक दबाव में जबरन सपा कार्यालय खाली कराने की कोशिश की जा रही है।
सपा कार्यालय खाली कराए जाने को लेकर चस्पा किया गया नोटिस (photo: social media )
Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद में समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर नगर पालिका प्रशासन ने नोटिस जारी कर एक दिन के भीतर कार्यालय खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि सत्ता के राजनीतिक दबाव में जबरन सपा कार्यालय खाली कराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई को अनुचित बताया।
तस्वीर यूपी के पीलीभीत जनपद के समाजवादी पार्टी कार्यालय की है। यहां कई वर्षों से किराए पर चले आ रहे सपा कार्यालय जो कि पहले ईओ आवास हुआ करता था, बतौर समाजवादी पार्टी पर नगर पालिका ने इसको किराए पर सन 2005 में दिया था। इसके बाद नगर पालिका ने इसको खाली कराए जाने के नोटिस पहले भी दिए तो तत्कालीन सपा जिला अध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी।
समाजवादी पार्टी का कार्यालय चर्चाओं में
जिसको लेकर बाद में हाई कोर्ट में की गई अपील को जिला अध्यक्ष द्वारा वापस ले लिया गया अब एक बार फिर समाजवादी पार्टी का कार्यालय चर्चाओं में है। नगर पालिका की ओर से नोटिस चश्पा कर मंगलवार की सुबह तक पार्टी कार्यालय को खाली कराए जाने का नगर पालिका ने अल्टीमेटम दिया है।
वहीं सपा को मिले अल्टीमेटम के बाद भाजपा पालिका अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला अध्यक्ष ने मामला कोर्ट में विचार अधीन होने की बात कहते हुए पार्टी कार्यालय को खाली न किए जाने की बात कही है। वहीं सपा जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने बताया कि उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन स्थिति में है। अगर न्यायालय का कोई आदेश खाली कराए जाने को लेकर आता है तो वह न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे लेकिन सत्ता के दबाव में नगर पालिका अध्यक्ष की मनमानी के चलते हुए कार्यालय खाली करने को राजी नहीं है।
पार्टी के जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने आरोप लगाया कि बीते समय नगर निकाय चुनाव में हुए नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में मौजूदा अध्यक्ष डॉक्टर आस्था अग्रवाल प्रशासनिक व्यवस्था के चलते फर्जी तरीके से जीत हासिल कर गई थी। इसी को लेकर उनके पार्टी के प्रत्याशी नसरीन अंसारी के द्वारा कोर्ट में रिकाउंटिंग कराकर कराए गए चुनाव की जांच को लेकर अपील की गई। मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसको लेकर सत्ताधारी अध्यक्ष डॉक्टर आस्था अग्रवाल मुकदमे को वापस कराकर दबाव बनाना चाहती है। इसीलिए अब वह राजनीतिक प्रतिद्वंदी मानते हुए पार्टी कार्यालय को सपाइयों से खाली करवाना चाहती है।
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