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PM मोदी ने 'मन की बात' में की थी 'सोलर दीदी' की तारीफ, अब गरीबी से जूझ रहा है परिवार

पांच गांवों तक रौशनी पहुंचाने वाली सोलर दीदी की प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में जमकर तारीफ की थी। इस तारीफ के बाद उनके घर अधिकारियो और मीडिया का जमावड़ा लग गया था । यह सब देखकर

tiwarishalini
Published on: 19 May 2017 5:07 PM IST
PM मोदी ने मन की बात में की थी सोलर दीदी की तारीफ, अब गरीबी से जूझ रहा है परिवार
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कानपुर: पांच गांवों तक रौशनी पहुंचाने वाली सोलर दीदी की प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में जमकर तारीफ की थी। इस तारीफ के बाद उनके घर अधिकारियो और मीडिया का जमावड़ा लग गया था । यह सब देखकर सोलर दीदी के मन में एक उम्मीद जगी थी कि अब मुझे सरकारी मदद मिल जाएगी और मेरी मुहीम और रंग लाएगी ।

लेकिन उनके मन में जगी किरण मन में ही रह गई। केंद्र सरकार की तरफ से उनके एक रुपये की भी मदद नही मिली । लेकिन अखिलेश सरकार ने उनको एक लाख रुपये की मदद दी थी। यह परिवार आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है । सोलर दीदी बनाये हुए लैम्प ख़राब होते जा रहे है और उनकी मरम्मत के लिए भी रुपये नही इकठ्ठा कर पा रही है ।

क्या है पूरा मामला ?

- कानपुर देहात के मैथा ब्लाक के बैरीसवाई गांव में रहने वाली नूरजहां जिसे लोग अब सोलर दीदी के नाम से जानते है ।

- नूरजहां के परिवार में पांच बेटे और एक बेटी है।

- बड़ा परिवार होने की वजह से बड़ी ही मुश्किल से घर की दाल रोटी चल पाती है ।

- नूरजहां के पांचो बेटे गाँव में ही मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी कमा पाते है।

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साल पहले मन की बात में सोलर दीदी का जिक्र किया था और पूरे देश के सामने उनकी जमकर तारीफ की थी ।

-प्रधानमन्त्री ने उन्हें सोलर दीदी का नाम दिया था इसके बाद से सभी उन्हें सोलर दीदी कहने लगे ।

नूरजहां उर्फ़ सोलर दीदी के मुताबिक

- नूरजहां ने बताया कि मै पांच साल से सोलर लैम्प सोलर प्लांट से चार्ज कर गाँवो तक पहुचाने का काम कर रही हूँ।

- मैंने सोलर लैम्प से पांच गाँवो की रोशन किया है जो गाँव अँधेरे में रहते थे उन घरो में अब रौशनी पहुच रही है ।

- पढ़ने वाले सोलर लैम्प शाम को ले जाते है और रात में उसी लैम्प में पढाई करते है । सुबह होते ही यह लैम्प मुझे दे जाते है मै उन्हें फिर चार्जिंग पर लगा देते है । इसके साथ ही दुकानदार भी सोलर लैम्प ले जाते है ।

- जरूरत पड़ने पर लोग शादी बारातों और घरेलु कामों के लिए भी सोलर लैम्प ले जाते है ।

उन्होंने बताया कि हमारा मकसद है कि इस तरह जनपद के सभी ब्लाक में सेंटर बनाये जाये । इन सेंटरों में सोलर प्लांट लगाकर सोलर लैम्प को चार्ज किया जाये ,इसके बाद जरूरत मंदों तक पंहुचा जाये । लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नही है कि हम अपनी मुहीम को आगे बढ़ा सके । बड़ी मुस्किल से ही हमारी दाल रोटी चल पा रही है ।

- नूरजहां के बेटे शाद्दाब अली ने बताया कि पहले गांव तक मै खुद सोलर लैम्प देने जाता था और फिर लेने जाता था ।

-इसके लिए म मै उनसे 10 रुपये लेता था । लेकिन अब ग्रामीण खुद ही सोलर लैम्प ले जाते है ।

-लेकिन इस काम से हमारा परिवार नही चल पा रहा है ।

- यदि सरकार हमारी मदद नही करती है तो यह काम मुझे बंद करना पड़ेगा । गरीबी की वजह से हम सभी भाई बहन पढ़ लिख नही सके। यदि यही हाल रहा तो हमारे बच्चे भी शिक्षा के आभाव में रह जाएंगे ।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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