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Power Politics: 'मलाईदार' और 'कड़के' में बंटे सरकारी महकमे सुलगा रहे सियासत

Rishi
Published on: 14 Feb 2018 2:03 PM GMT
Power Politics: मलाईदार और कड़के में बंटे सरकारी महकमे सुलगा रहे सियासत
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लखनऊ : सियासत में 'पावर' अहम किरदार होता है, इतिहास के पन्नों में दर्ज तारीखें इसकी गवाह हैं। बदलते समय के साथ यूपी सचिवालय 'पावर-कारीडोर' बनकर उभरा है। सरकारी महकमे अनौपचारिक तौर पर 'मलाईदार' और 'सूखे' की 'कैटेगरी' में गिने जाते हैं। उसी तर्ज पर वहां तैनाती पाए अफसरों व कर्मचारियों का महत्व समझा जाता है।

अब सचिवालय प्रशासन विभाग ने 'रोटेशनल स्थानान्तरण नीति' का ड्राफ्ट लाकर इसे और साफ कर दिया है। विभागों को तीन श्रेणी में बांटा है। बंटवारे में ज्यादातर मलाईदार महकमे एक श्रेणी में दर्ज हैं। इस खास वजह ने सचिवालय सेवा की Power Politics को गरमा दिया है क्योंकि प्रारूप के मुताबिक कर्मियों को 12 साल तक एक ही कैटेगरी के विभागों में काम करना होगा।

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पहली 'कैटेगरी' में जिन विभागों को रखा गया है। उनमें आवास एवं शहरी नियोजन, आबकारी, भूतत्व एवं खनिकर्म, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई, माध्यमिक शिक्षा और पंचायतीराज जैसे अहम विभाग शामिल हैं। दूसरी कैटेगरी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण, होमगार्ड, दुग्ध विकास सरीखे विभाग हैं। इसी तरह तीसरी कैटेगरी में भी विभागों के चयन का प्रस्ताव प्रारूप में दर्ज है। इससे सचिवालय सेवा के अफसर व कर्मचारियों में असंतोष सुलग रहा है। उनका कहना है कि इस तरह महकमों को बांटने से अफसरों व कर्मचारियों का भी वर्गीकरण हो जाएगा। उनके बीच अहं का टकराव हो सकता है। कर्मचारी इस प्रारूप पर विरोध दर्ज कराने की तैयारी मे हैं।

तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं 93 विभाग

सचिवालय प्रशासन की तरफ से जारी 'रोटेशनल स्थानान्तरण नीति' के प्रारूप पर 29 जनवरी तक सुझाव मांगा गया है जो सचिवालय सेवा के 'क', 'ख' और 'ग' श्रेणी के लगभग 4500 अधिकारी व कर्मचारियों पर लागू होगा। प्रारूप के मुताबिक 93 विभागों को 31—31 की तीन कैटेगरी में बांटा गया है। खास यह है कि किसी समूह का अधिकारी या कर्मचारी उस समूह के विभागों में अधिकतम 12 साल तक ही काम कर सकता है। उसके बाद उसे दूसरे समूहों के विभागों में स्थानान्तरित किया जाएगा। तबादले के लिए भी 31 मार्च तक आनलाइन अनुरोध करना होगा। गोपन—1 अनुभाग को इस नीति से मुक्त रखा जाएगा।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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