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UP Politics: योगी सरकार मना रही साढ़े 4 साल का जश्न, प्रियंका गांधी बोलीं- यूपी में 'अपराधराज'
योगी सरकार पर हमलावर रहने वालीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर यूपी में क्राइम के ग्राफ को लेकर सरकार पर जमकर प्रहार किया।
लखनऊ: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के कल यानि 19 सितंबर को साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरे हो जायेंगे।सरकार एक ओर अपनी उपलब्धियों को लेकर पीठ थपथपा रही है> तो वहीं विपक्ष चुनावी माहौल में उन्हें पुरजोर तरीके से घेरने में लग गया है। कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने यूपी में अपराध को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरा है। प्रियंका गांधी ने एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में अपराधराज चरम पर है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला
योगी सरकार पर हमलावर रहने वालीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर यूपी में क्राइम के ग्राफ को लेकर सरकार पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा,"एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं व दलितों के खिलाफ अपराध, हत्या व अपहरण और हिंसक अपराधों के मामले में उप्र टॉप पर है।उप्र सरकार के दावों के ठीक उलट उत्तरप्रदेश में अपराधराज चरम पर है।"
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं व दलितों के खिलाफ अपराध, हत्या व अपहरण के मामलों में और हिंसक अपराधों के मामले में उप्र टॉप पर है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 18, 2021
उप्र सरकार के दावों के ठीक उलट उत्तरप्रदेश में अपराधराज चरम पर है। pic.twitter.com/gJxk75c092
अखिलेश यादव ने भी सरकार के घेरा
बता दें इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सूबे की कानून-व्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि समाजवादी सरकार में महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए जिस वूमन पावर हेल्पलाइन 1090 की स्थापना की गई थी, यूपी की भाजपा सरकार ने उसे ध्वस्त कर दिया है। प्रदेश में आतंक का राज है। महिला सुरक्षा का दावा सिर्फ कागजों पर रह गया है। महिला विरोधी भाजपा को उत्तर प्रदेश की माताएं-बहनें सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी हैं। बाईस में बाइसकिल के सत्ता में आने पर ही महिला स्वाभिमान तथा महिलाओं के मान सम्मान को तभी प्रतिष्ठा मिलेगी।
NCRB के आंकड़े पर एक नजर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा 16 सितंबर, 2021 को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में से 28,046 रेप की घटनाएं थी, जिनमें 28,153 पीड़िताएं हैं। पिछले साल कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था। उसने बताया कि कुल पीड़िताओं में से 25,498 वयस्क और 2,655 नाबालिग हैं। एनसीआरबी के गत वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में रेप के 32,033, 2018 में 33,356, 2017 में 32,559 और 2016 में 38,947 मामले थे। पिछले साल रेप के सबसे ज्यादा 5,310 मामले राजस्थान में दर्ज किए गए। इसके बाद 2,769 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए थे।
अपहरण के मामलों में 19 प्रतिशत की कमी
एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत की कमी आई है। 2020 में अपहरण के 84,805 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में 1,05,036 एफआईआर हुई थीं। आंकड़े बताते हैं कि 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 9,309, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी ने कहा कि देश में अपहरण के 84,805 मामलों में 88,590 पीड़ित थे। उसने बताया कि इनमें अधिकतर यानी 56,591 पीड़ित बच्चे थे।
हत्या के मामलों में यूपी पहले नंबर पर
आंकड़ों के अनुसार, 2020 में उत्तर प्रदेश में हत्या के 3779 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार में हत्या के 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में 2020 में हत्या के 472 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे भारत में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था।
राजस्थान में सबसे ज्यादा दुष्कर्म
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में 2020 में दुष्कर्म के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए। देश में ऐसे सबसे अधिक मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। एनसीआरबी ने कहा कि पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे।