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Gorakhpur News: 22 करोड़ की मछली ने दिया धोखा, अब नये सिरे से रामगढ़ झील में जाल बिछाएगा GDA

Gorakhpur News: जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि बकाया रकम को जमा करने के लिए समिति को कई बार मौका दिया गया।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Ragini Sinha
Published on: 24 Sep 2021 8:45 AM GMT
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22 करोड़ की मछली ने दिया धोखा, अब नये सिरे से रामगढ़ झील में जाल बिछाएगा GDA

Gorakhpur News: प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील की मछली से 22 करोड़ रूपये की कमाई की उम्मीदों को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को झटका लगा है। 22 करोड़ रूपये की कमाई की उम्मीद के सापेक्ष जीडीए को सिर्फ 5.19 करोड़ रूपये की कमाई हुई है। मछली से कमाई में धोखा खाने के बाद जीडीए ने नये सिरे से रामगढ़ ताल (Ramgarh Taal) में जाल के लिए टेंडर निकाला है। एक अप्रैल, 2019 को मत्स्यजीवी सहकारी समिति (Fisheries Co-operative Society) लिमिटेड रामगढ़ उर्फ महेरवा की बारी, कूड़ाघाट को 22.79 करोड़ में रामगढ़ताल में मछली पकड़ने का ठेका मिला था। अनुबंध के तहत समिति 28 जून, 2024 तक मछली पकड़ सकती है। अनुबंध में प्राधिकरण ने समय-समय पर एक निश्चित राशि भी जमा करने की शर्त लगाई है। पहले और दूसरे साल 40-40 फीसदी और तीसरे साल बाकी बची 20 फीसदी रकम जमा करनी है। यानी समिति को तीन साल में पूरी रकम 22.79 करोड़ रुपये जमा करना था मगर समिति अभी तक सिर्फ 5.19 करोड़ रुपये ही जमा कर सकी थी। कई बार की चेतावनी के बाद भी समिति ने जब रकम नहीं जमा की तो प्राधिकरण ने टेंडर निरस्त (Tender) कर दिया। दरअसल, इस टेंडर के पहले पांच साल के लिए 2.60 करोड़ रुपये में टेंडर हुआ था। मगर जब 2019 में अगले पांच साल के लिए टेंडर निकला तो जीडीए के तत्कालीन अफसर भी लालच में पड़ गए और 10 गुना से अधिक दर पर 22.79 करोड़ रुपये में टेंडर फाइनल कर दिया।

बकाया रकम को जमा करने के लिए कई मौके दिए गए

जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि बकाया रकम को जमा करने के लिए समिति को कई बार मौका दिया गया । मगर समिति ने रकम नहीं जमा की। इसपर ठेका निरस्त कर नए सिरे से टेंडर निकाल दिया गया है। आवेदन के लिए एक महीने का समय दिया गया है। 27 अक्तूबर को ई-निलामी होगी। -

27 अक्तूबर को मछली के लिए होगी ई-नीलामी

जीडीए ने 14 करोड़ की देनदारी पर पुरानी फर्म का रामगढ़ताल का मछली ठेका निरस्त कर नए सिरे से टेंडर निकाल दिया है। 31 मार्च, 2022 की बची हुई अवधि तथा पांच साल के लिए यानी 2022-23 से लेकर 2026-27 तक के ठेके के लिए 25 सितंबर से 25 अक्तूबर, 2021 तक के बीच में जीडीए ने आवेदन मांगा है। 27 अक्तूबर को ई-नीलामी होगी। ज्यादा बोली लगाने वाली फर्म को ठेका मिलेगा। हालांकि जीडीए अपनी पुरानी गलतियों से सबक लेकर अभी से ही विशेषज्ञों से यह पता लगाने में जुट गया है कि वास्तव में कितनी रकम तक बोली को ले जाया जा सकता है। रामगढ़ताल में पिछले साल मछली का ठेका हासिल करने वाली मत्स्य जीवी सहकारी ‌समिति को स्टांप शुल्क के भी 94.60 लाख रुपये रजिस्ट्री कार्यालय में जमा करने पड़ेगे। स्टांप शुल्क कमी के निर्धारण के बाद इसे जमा करने को लेकर डीएम कोर्ट की तरफ से 17 मार्च, 2021 को ही आदेश जारी हुआ था। समिति ने इस आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में निगरानी दाखिल की थी। हाल ही में मामले की सुनवाई के दौरान कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने निगरानी खारिज करते हुए डीएम कोर्ट के फैसले को सही बताया और स्टांप कमी के शुल्क के साथ ही छह फरवरी 2020 से डेढ़ फीसदी मासिक ब्याज भी जमा करने का आदेश पारित किया है।

Ragini Sinha

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