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98 साल के हिम्मती बुजुर्ग: इसलिए सड़क पर बेच रहे चने, अधिकारियों ने मूंदी आंखे
98 साल के बुजुर्ग विजयपाल सिंह रायबरेली जिले के हरचंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कंडोरा गांव के रहने वाले हैं। इनके कमजोर कंधों पर जिम्मेदारी का बड़ा बोझ है। इस कारण सुबह होते ही वो ठेले पर चना लेकर सड़को पर बेचने निकल पड़ते हैं।
रायबरेली। पेट की आग और परिवार का बोझ वो जिम्मेदारी है के हर उम्र में ये चैनौ-सुकून छीन लेती है। अब जरा 98 साल के इस बुजुर्ग को ही देखिए। उम्र के आखरी पड़ाव में भी इस सबके लिए ये चने का ठेला लगा रहा। दिन भर में जो कमाई होती है उससे ये परिवार का खर्च चलाता है। 98 साल के बुजुर्ग विजयपाल सिंह रायबरेली जिले के हरचंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कंडोरा गांव के रहने वाले हैं। इनके कमजोर कंधों पर जिम्मेदारी का बड़ा बोझ है। इस कारण सुबह होते ही वो ठेले पर चना लेकर सड़को पर बेचने निकल पड़ते हैं।
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तीन बेटियों की शादी का भार
विजयपाल सिंह बताते हैं कि, एक लड़का है वो भी परिवार लेकर दिल्ली में मजदूरी कर रहा। उसकी जो आमदनी हो रही उससे उसका अपना खर्च चला पाना मुश्किल है। वो यूं कि बेटे के कांधो पर तीन बेटियों की शादी का भार है। उसके हिस्से का जो थोड़ा बहुत खेत है उसे भी विजयपाल सिंह स्वयं देख लेते हैं।
यही नही विजयपाल सिंह कहते हैं कि ठेला लगाने से इस उम्र में शरीर स्वस्थ रहता है और हम अपना खर्च निकाल लेते हैं। 22 साल पहले उनके हाथ की उंगली तक कट गई लेकिन वो हिम्मत नही हारे आजतक वैसे ही ठेला लेकर निकलते हैं।
घर का आलम ये है कि न तो सरकारी हैंडपंप है, न शौचालय। इससे साफ है कि कही न कही न सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस बुजुर्ग की ओर ध्यान नही दिया है। वही इस मामले में जब एसडीएम सदर अंशिका दीक्षित से बात करने कब लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
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रिपोर्ट- नरेन्द्र सिंह रायबरेली