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राहुल को उनके ही गढ़ में BJP ने दिया झटका, पिता की विरासत बचाने की चुनौती
कांग्रेस के गढ़ अमेठी में बीते दिनों राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट जायस की जमीन के मुद्दे को गर्माकर बीजेपी ने राहुल गांधी को उनके ही संसदीय क्षेत्र में तगड़ा झटका दिया है। प्रशासनिक कार्यवाई के बाद हुए बवन्ड्ल में मामला हाईकोर्ट पहुंचा था।
अमेठी: कांग्रेस के गढ़ अमेठी में बीते दिनों राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट जायस की जमीन के मुद्दे को गर्माकर बीजेपी ने राहुल गांधी को उनके ही संसदीय क्षेत्र में तगड़ा झटका दिया है। प्रशासनिक कार्यवाई के बाद हुए बवन्ड्ल में मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। जहां कोर्ट ने ट्रस्ट की ओर से दाखिल पुनरीक्षण रिट को खारिज कर दिया है। अब राहुल गांधी के आगे पिता की विरासत बचाने की चुनौती मिल गई है।
सरकार बदलते ही शुरू हुई थी कार्यवाई
- राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वामित्व को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सवाल उठाए थे।
-जिसके बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही 22 अप्रैल को राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को नोटिस भेजा गया था।
तिलोई तहसील के एसडीएम अशोक शुक्ल का कहना है कि ये जमीन सरकारी कब्जे में होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये माना कि ट्रस्ट ये जमीन स्थानीय महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोई ऐसे कागजात मौजूद नहीं हैं जिससे ये पता चल सके कि ट्रस्ट किस अधिकार से राजीव गांधी महिला परियोजना पर इस जमीन का इस्तेमाल कर रही थी। इसी आधार पर वो ट्रस्ट को कई नोटिस जारी कर चुके हैं। जिसको लेकर हाल ही में ट्रस्ट ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
डबल बेंच ने खारिज की रिट
- कोर्ट ने ट्रस्ट को एक माह की मोहलत दी थी।
- निर्धारित समय अवधि में भी महिला विकास परियोजना की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके।
- इसके बाद महिला विकास परियोजना ने 18 मई 2017 को पूर्व आदेश को लेकर डबल बेंच में रिट दायर किया।
- जिसे बीते 20 जुलाई को डबल बेंच ने खारिज कर दिया। कोर्ट के उक्त आदेश की कापी जिला प्रशासन को मिल गई है। अब प्रशासन शीघ्र ही ज़मीन से बेदख़ली की कार्यवाई कर सकता है।
संचालित ट्रेनिंग सेंटर में बदला है 15 लाख से ज्यादा महिलाओं का जीवन
राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में जायस में पिछले 15 सालों से वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर संचालित है और इसमें अब तक 15 लाख से ज्यादा महिलाओं का जीवन बदल चुका है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 2014 के चुनावों में पहली बार राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट पर जायस की सरकारी जमीन इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। तब से ये मुद्दा गाहे-बगाहे उठता रहा लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के इशारों पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जायस सेंटर को बंद करवाना चाहती है।
राजनीतिक बदले की भावना से हो रहा काम: दीपक सिंह (कांग्रेस एमएलसी)
कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि जमीन लेने से ये परियोजना बंद नहीं होगी। ट्रेनिंग कहीं और होगी। लेकिन ये राजनीतिक बदले की भावना से काम हो रहा है जो नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल जिला प्रशासन ट्रस्ट को उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की जमीन मनुज कल्याण केंद्र को आवंटित की गई थी और वो पंद्रह सालों से यहां वोकेशनल ट्रेनिंग करवा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा मनुज कल्याण केंद्र को ये आवंटन करीब 30 साल पहले हुआ था। जो कि एक गैर लाभकारी संगठन है।