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देखिए ये है रेलवे अफसर की मनमानी, ऐसे लगाई जाती है कर्मचारी की उपस्थिति
भारतीय रेलवे के अफसर अपनी ठाठ छोड़ने को तैयार नहीं हैं और अब तो खुलेआम रिश्वत भी ले रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला फिर यूपी के अमेठी जिले के निहालगढ़ से सामने आया है। निहालगढ़ सेक्शन के अंतर्गत छंदरौली खंड के पीडब्लूआई सुनिल शर्मा अपनी मनमर्जी के मुताबिक गेटमैन की फर्जी हाजिरी लगवा देते हैं और अधिकारी की ओर से हरी झंडी मिलने पर गेटमैन को बिना ड्यूटी किए ही वेतन हर महीने मिल जाता है।
अमित यादव
लखनऊ: भारतीय रेलवे के अफसर अपनी ठाठ छोड़ने को तैयार नहीं हैं और अब तो खुलेआम रिश्वत भी ले रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला फिर यूपी के अमेठी जिले के निहालगढ़ से सामने आया है। निहालगढ़ सेक्शन के अंतर्गत छंदरौली खंड के पीडब्लूआई सुनिल शर्मा अपनी मनमर्जी के मुताबिक गेटमैन की फर्जी हाजिरी लगवा देते हैं और अधिकारी की ओर से हरी झंडी मिलने पर गेटमैन को बिना ड्यूटी किए ही वेतन हर महीने मिल जाता है।
इस भ्रष्टाचार का खुलासा 20 फरवरी को तब हुआ जब ट्रैक मैन एसोसिएशन के पदाधिकारी ने छंदरौली स्टेशन मास्टर से संबंधित जानकारी मांगी। स्टेशन के जिम्मेदार ने रोजाना लगने वाली हाजिरी रजिस्टर का रिकार्ड दिखाया, जिसमें कहीं पर भी गेटमैन की उपस्थिति नहीं थी। केवल मुख्य कार्यालय से उपस्थिति का कार्य हर महीने हो जाता है और वेतन भी मिल जाता है। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी इस सहयोग के बदले कर्मचारी से तय रकम लेता है। इसलिए इस घटना से यह साफ अंदेशा लगाया जा सकता है कि रेलवे में अब अधिकारियों की तानाशाही किस प्रकार से चल रही है।
छंदरौली स्टेशन अधीक्षक विश्राम मीणा ने बताया, कि 'संबंधित अधिकारी गेटमेन से पैसे लेकर हाजिरी लगवा देते हैं। यह कोई नया मामला नहीं है।' उनका कहना है कि यह खेल लंबे समय से चल रहा है, इस पर विराम लगना चाहिए।
यह है मामला
आपको बता दें कि यूपी के निहालगढ़ में कई बार अधिकारियों के घरों का वीडियो वायरल हो चुका है, जिसमें ट्रैकमैन अपना असल काम छोड़कर उनके घरों पर काम करते दिखे हैं। इसके अलावा उठक-बैठक का मामला भी यहीं से प्रकाश में आया था। वीडियो के वायरल होने के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल से लेकर चेयरमैन अश्विनी लोहानी के कान खडे़ हुए थे। इसके बाद जाकर जांच भी बैठी और कारवाई भी की गई। एक बार भी निहालगढ़़ के अधिकारियों की करतूत सामने आई है। जिसमें पीडब्लूआई सुनिल शर्मा गेटमैन संतोष कुमार जायसवाल की सहायता कर रहे हैं। गेट नंबर 179, 178,177 पर एक दिन भी ड्यूटी पर नही थे। बिना स्टेशन मास्टर के रिकार्ड के हर महीने इस गेटमैन को वेतन मिल जाता है।
यह है नियम
जबकि नियमानुसार, गेटमैन जिस भी क्रॉसिंग पर रोजाना ड्यूटी देता है वहां पर एक उपस्थिति रजिस्टर होता है, जिसमें उसकी रोजाना की हाजरी रिपोर्ट दर्ज होती है। लेकिन गेटमैन संतोष की हाजरी से जुड़ा कोई भी रिकार्ड उस रजिस्टर में नहीं मिला। ट्रैक मैन एसोसिएशन के प्रवक्ता विश्वनाथ यादव ने मुताबिक, संबंधित अधिकारी अपनी मनमर्जी से गेटमैन की हाजिरी लगवा देते हैं। 24 जनवरी से 28 जनवरी तक यह गेटमैन काम पर नहीं गया लेकिन इसकी उपस्थिति पूरी दर्ज है जो कि पूरी तरह से गलत है। इस पूरे घटनाक्रम से यह तो साफ स्पष्ट हो जाता है कि रेलवे में अधिकारियों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। न तो उनकी अफसरशाही कम हो रही है और न ही उनकी मनमानी।
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