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राम जन्मभूमि मंदिरः होगा विराट भव्य, हजारों श्रद्धालु कर सकेंगे एक साथ पूजा
राम मंदिर की भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त की तारीख तय होने के बाद यहां तैयारियां भी तेज कर दी गई है।
अयोध्या: राम मंदिर की भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त की तारीख तय होने के बाद यहां तैयारियां भी तेज कर दी गई है। प्रस्तावित नए मंदिर का संशोधित डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है। अब मंदिर का आकार पहले बनाई गई डिजाइन से काफी ज्यादा होगा। मंदिर पर आकार अब 84,600 वर्ग फीट होगा। पहले तय किए गए डिजाइन में मंदिर 37,590 वर्ग फीट में बनना था। मंदिर का आकार बढ़ने के साथ ही इसमें आने वाले भक्तों की क्षमता भी 20,000 से बढ़कर 50000 से ऊपर पहुंच गई है।
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नए मंदिर का डिजाइन तैयार
जानकार सूत्रों ने बताया कि सोमपुरा बंधुओं ने नए मंदिर का डिजाइन तैयार कर लिया है। अहमदाबाद के प्रसिद्ध वास्तुविद चंद्रकांत सोमपुरा के दोनों बेटों निखिल व आशीष ने मंदिर के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक निखिल व आशीष ने मंदिर में बनने वाले स्तंभों, शिखरों व तीनों मंजिलों की नई डिजाइन तैयार कर ली है।
मंदिर में स्टील का इस्तेमाल नहीं
इंजीनियर आशीष चंद्रकांत ने बताया कि पूरा मंदिर पत्थरों पर ही खड़ा होगा और इसमें कहीं भी स्टील का प्रयोग नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिट्टी की जांच रिपोर्ट आने के बाद नींव की गहराई तय की जाएगी। इसके बाद इसे पत्थर या कंक्रीट से बनाने की अलग डिजाइन बनेगी। इस काम को करने की जिम्मेदारी एलएंडटी और एनबीसीसी कंपनी को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि नींव का काम पूरा होने के बाद 12 फीट ऊंचा एक और फाउंडेशन बनाया जाएगा जिस पर अग्रभाग व सिंहद्वार से लेकर गर्भ गृह तैयार किए जाएंगे। ट्रस्ट की ओर से इस मंदिर का नाम श्री राम जन्मभूमि मंदिर तय किया गया है जो सबसे अग्रभाग में सिंह द्वार पर लिखा जाएगा।
अब बड़े आकार के बनेंगे मंडप
चंद्रकांत ने बताया कि डिजाइन में बदलाव के साथ नए मंदिर की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई सबकुछ बदल गई है। नया मंदिर अब 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा। पहले इसकी ऊंचाई 128 फीट थी जबकि लंबाई 268 फीट और चौड़ाई 140 फीट थी। अब गुंबदों की संख्या बढ़ाकर तीन से पांच कर दी गई है। इस कारण भी डिजाइन में बदलाव करने पड़े हैं।
उन्होंने बताया कि पहले अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप रंग मंडप के बाद गर्भगृह था मगर अब गर्भगृह और रंग मंडप के बीच गूढ़मंडप बनेगा और इसके दाएं बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप बनाए जाएंगे। गर्भगृह को छोड़कर बाकी सभी मंडपों के आकार में भी बढ़ोतरी की गई है। मंदिर की ऊंचाई बढ़ने से तीसरा तल बनाने का भी फैसला किया गया है मगर यह खाली ही रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त के 32 सेकंड होंगे खास
सूत्रों ने बताया कि काशी के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने भूमि पूजन के मुहूर्त के साथ पूरी कुंडली बनाई है। राम मंदिर का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है और मोदी के लिए अभिजीत मुहूर्त का 32 सेकंड बेहद खास होगा। ज्योतिषाचार्य द्रविड़ की ओर से निकाले गए मुहूर्त के मुताबिक 5 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकंड के बाद ठीक 32 सेकंड के भीतर मोदी को पहली ईट रखनी होगी। भाद्र पक्ष और अस्थिर तुला लग्न दोष को ख़त्म करने के लिए इस 32 सेकंड के मुहूर्त की खासी महत्ता बताई जा रही है।
तीन अगस्त से शुरू हो जाएगा कार्यक्रम
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और उनके उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि भूमि पूजन का कार्यक्रम 3 अगस्त को ही गणपति पूजा के साथ शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि काशी और अयोध्या के 11 वैदिक विद्वान यह पूजा संपन्न कराएंगे। महंत नृत्य गोपाल दास खुद 40 किलोग्राम चांदी की शिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे।
ताम्र कलश में होगा सभी तीर्थों का जल
भूमि पूजन के लिए गर्भगृह वाले स्थान पर साढ़े तीन गुणें तीन फीट की नींव खोदी जाएगी। इस नींव में ही 5 ईंटें स्थापित करके भूमि पूजन किया जाएगा। गर्भगृह वाले स्थान पर ही नींव के भीतर प्रधानमंत्री तांबे का कलश स्थापित करेंगे। इस कलश में संगम और गंगाजल के साथ ही सभी तीर्थों का जल भरा जाएगा। कलश में हीरा, पन्ना, माणिक, सोना और चांदी पांच रत्न भी रखे जाएंगे।
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भगवान राम की कृपा से मिला मौका
मंदिर का डिजाइन तैयार करने वाले आशीष सोमपुरा का कहना है कि हम दोनों भाइयों के लिए अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर का डिजाइन तैयार करना गौरव का क्षण है। यह हमारे लिए भगवान राम की विशेष कृपा प्राप्त करने का क्षण है। उन्होंने कहा कि हमारे दादा प्रभाशंकर सोमपुरा ने आजादी के बाद गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का डिजाइन तैयार किया था जबकि पिता चंद्रकांत सोमपुरा ने अक्षरधाम मंदिर का डिजाइन बनाया। उन्होंने कहा कि अब हमें और निखिल को पिता जी के सानिध्य में भगवान राम के मंदिर का डिजाइन बनाने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आशीर्वाद से ही हमें यह गौरवपूर्ण क्षण हासिल हुआ है।
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